मोदी से मुकाबले के लिए ममता को नहीं चाहिए कांग्रेस का साथ ! खुद ही करना चाहती हैं दो-दो हाथ

Mamata Banerjee

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने शीतकालीन सत्र से पहले राष्ट्रीय राजधानी आकर यह जरूर दर्शा दिया कि वो खुद विपक्षी खेमे का नेतृत्व करने की चाहत रखती हैं। त्रिपुरा हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करने वाले टीएमसी नेताओं ने नारा लगाया था- 'खेला होबे खेला होबा इस बार दीदी पीएम होबे'।

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने आगामी शीतकालीन सत्र में भाजपा को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है लेकिन इस बार पार्टी को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का साथ मिलने की संभावनाएं काफी कम है। आपको बता दें कि, टीएमसी के एक नेता ने साफ कर दिया कि पार्टी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा 29 नवंबर को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में शायद शामिल नहीं हो। जिसके बाद संभावनाएं जताई जाने लगी कि टीएमसी इस बार खुद विपक्षी दलों का नेतृत्व करने की चाहत रखती है।

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कांग्रेस की बैठकों से दूर रही है टीएमसी 

आपको बता दें कि मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में 15 विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने के लिए संसद से लेकर विजय चौक तक पैदल मार्च किया था। हालांकि राहुल गांधी के नेतृत्व वाले इस आयोजन में टीएमसी शामिल नहीं हुई थी। कई बार विपक्षी दलों की एकजुटता की तस्वीरें भी सामने आई थीं लेकिन टीएमसी और आम आदमी पार्टी नदारद रहीं। इतना ही नहीं मानसून सत्र के दौरान राहुल गांधी ने तो कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में 'चाय पार्टी' का भी आयोजन किया था। जिसमें टीएमसी, बसपा, आम आदमी पार्टी नहीं पहुंची।

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने शीतकालीन सत्र से पहले राष्ट्रीय राजधानी आकर यह जरूर दर्शा दिया कि वो खुद विपक्षी खेमे का नेतृत्व करने की चाहत रखती हैं और वो टीएमसी के संसदीय दल की नेता भी हैं। त्रिपुरा हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करने वाले टीएमसी नेताओं ने नारा लगाया था- 'खेला होबे खेला होबा इस बार दीदी पीएम होबे' जिसका मतलब साफ था कि टीएमसी चाहती है कि ममता 'दीदी' सीधे भाजपा से टक्कर ले। 

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अपना घर ठीक करें कांग्रेस 

टीएमसी के एक नेता ने समाचार न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि शीतकालीन सत्र में हमें कांग्रेस के साथ समन्वय में कोई दिलचस्पी नहीं है। कांग्रेस नेता पहले अपने बीच समन्वय स्थापित करें। पहले अपना घर ठीक करें फिर दूसरों के साथ समन्वय के बारे में सोचें। यह पूछने पर कि क्या टीएमसी अन्य विपक्षी दलों के साथ सहयोग करेगी, उन्होंने कहा कि जनहित में हम विभिन्न मुद्दे उठाएंगे और उनके साथ समन्वय करेंगे। हम संभवत: कांग्रेस द्वारा आहूत विपक्षी दलों की बैठक में भी शामिल नहीं होंगे। भाजपा के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस से विमुख होने के संबंध में पूछे गए सवाल पर टीएमसी नेता ने कहा कि उनके नेताओं में भाजपा के खिलाफ लड़ाई को लेकर दृढ़संकल्प की कमी है। टीएमसी 29 नवंबर को ममता बनर्जी के आवास पर पार्टी की राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक करेगी।

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