ममता ने नेताजी को किया याद, कहा- उन्होंने विभाजनकारी राजनीति का किया था विरोध

बनर्जी ने नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बोस ने अपने संघर्ष के जरिए यह संदेश भेजा कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए और एकजुट भारत के लिए लड़ना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हिंदू महासभा की ‘विभाजनकारी राजनीति’ का विरोध किया था और वह धर्मनिरपेक्ष तथा एकजुट भारत की खातिर लड़े थे। बनर्जी ने नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बोस ने अपने संघर्ष के जरिए यह संदेश भेजा कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए और एकजुट भारत के लिए लड़ना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
কদম কদম বাড়ায়ে যা…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 23, 2020
দেশনায়ক নেতাজি সুভাষ চন্দ্র বসুর জন্মবার্ষিকীতে জানাই শ্রদ্ধা ও প্রণাম। ওনার দেশপ্রেমের চেতনা আগামী প্রজন্মকে উদ্বুদ্ধ করুক
Homage to Deshnayak Netaji Subhas Chandra Bose on his birth anniversary. May his spirit of patriotism inspire future generations
ममता बनर्जी ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था। वह धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए लड़े। लेकिन अब धर्मनिरपेक्षता का पालन करने वालों को बाहर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि नेताजी के लापता होने के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए सरकार गंभीर नहीं है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘उन्होंने (केंद्र) केवल कुछ ही गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया है। वास्तविकता में क्या हुआ था, यह पता लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। यह शर्मिंदगी की बात है कि 70 वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद हम यह नहीं जान पाए हैं कि उनके साथ क्या हुआ था।’’
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