Navi Mumbai में पुलिस अधिकारी बनकर महिला से दुष्कर्म के आरोप में एक व्यक्ति को 10 साल की कैद

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धुलप ने पीड़िता (जो उस समय 22 वर्ष की थी) के माता-पिता को इसके बारे में बताने की धमकी दी और उससे 30,000 रुपये मांगे। आरोपी उसे जबरन टर्भे स्थित एक लॉज में ले गया, जहां उसने महिला से दुष्कर्म किया।

नवी मुंबई की एक अदालत ने 44 वर्षीय एक सुरक्षा गार्ड को 2016 में पुलिस अधिकारी बनकर एक महिला से दुष्कर्म करने के जुर्म में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

बेलापुर अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पराग ए साने ने आरोपी सागर बाबूराव धुलप को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 170 (लोक सेवक का भेष धारण करना) और 384 (जबरन वसूली) के तहत दोषी ठहराया।

अदालत ने उसे बलात्कार के जुर्म में 10 साल, पुलिस अधिकारी का भेष धारण करने के लिए दो साल और जबरन वसूली के जुर्म में तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उस पर 1,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया और निर्देश दिया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

यह फैसला 15 दिसंबर को सुनाया गया था, जिसकी प्रति सोमवार को प्राप्त हुई। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 13 फरवरी 2016 को पीड़िता और उसका एक मित्र कुर्ला में एक लॉज में गए, जहां आरोपी ने पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें रोका।

धुलप ने पीड़िता (जो उस समय 22 वर्ष की थी) के माता-पिता को इसके बारे में बताने की धमकी दी और उससे 30,000 रुपये मांगे। आरोपी उसे जबरन टर्भे स्थित एक लॉज में ले गया, जहां उसने महिला से दुष्कर्म किया। न्यायाधीश साने ने बचाव पक्ष के इस तर्क को खारिज कर दिया कि सार्वजनिक स्थान पर महिला का मदद के लिए शोर नहीं मचाना आपसी सहमति का संकेत देता है।

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