विधानसभा आहूत करने के लिए अनिवार्य मंत्रिमंडल का सुझाव अभी तक नहीं मिला: धनखड़

Dhankhar

ममता बनर्जी सरकार पर ताजा हमला करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि राज्य विधानसभा को आहूत करने के लिए उन्हें अभी तक मंत्रिमंडल से अनिवार्य सुझाव नहीं दिया गया है।

कोलकाता। ममता बनर्जी सरकार पर ताजा हमला करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि राज्य विधानसभा को आहूत करने के लिए उन्हें अभी तक मंत्रिमंडल से अनिवार्य सुझाव नहीं दिया गया है। धनखड़ ने यहां गौदिया मिशन में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा कि विधानसभा आहूत करने का सुझाव बनर्जी की ओर से आया था लेकिन वह “संवैधानिक रूप से अधूरा” था। राज्यपाल ने कहा कि “उचित तरीके से ध्यान दिए बिना” उन्हें 2022-23 बजट के कागजात भेजे गए थे।

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उन्होंने कहा, “विधानसभा आहूत होने के बाद ही उन पर विचार किया जा सकता है और एक अधिसूचना जारी की जाती है… आप किसी प्रक्रिया को उल्टा नहीं चला सकते।” विधानसभा का सत्र सात मार्च को शुरू होने की संभावना है और अगले दिन राज्य का बजट सदन में पेश किया जा सकता है। राज्य में 108 नगर निकायों के चुनाव के चलते बजट सत्र एक महीने के लिए टल गया था। राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए उन्हें मंत्रिमंडल की बजाय मुख्यमंत्री का सुझाव प्राप्त हुआ।

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उन्होंने कहा, “विधानसभा का सत्र मंत्रिमंडल के सुझाव पर ही बुलाया जा सकता है।” राज्यपाल ने कहा, “मैं उसे (मुख्यमंत्री की ओर से भेजा गया सुझाव) स्वीकार नहीं कर सकता था। अगर मैं ऐसा करता तो यह असंवैधानिक होता। इसलिए मैंने उसे वापस भेज दिया।” उन्होंने कहा कि राजभवन में फाइलों के लंबित होने को लेकर तमाम तरह की अफवाह फैलाई जा रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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