मेरठ में रिश्वत लेता हुआ सदर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल गिरफ्तार,इंस्पेक्टर पर भी दर्ज हुआ मुकदमा

रिश्वत लेता हुआ सदर थाने में तैनात मनमोहन हेड कांस्टेबल गिरफ्तार
Rajeev sharma । Sep 1 2021 2:39PM

अधिकारियों के निर्देश पर इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा और हेड कांस्टेबल मनमोहन के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है।एसएसपी की ओर से गठित की गई टीम रिश्वत ले रहे हैं हेड कांस्टेबल को रंगे हाथों गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर अपनी जान बचाने के लिए प्रयागराज के लिए रवाना हो गए है।

मेरठ। भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरठ में बड़ी कार्रवाई करते हुए सदर बाजार इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा और एक हेड कांस्टेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। हेड कांस्टेबल को 30 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ एसपी सिटी की टीम ने मंगलवार को दबोच लिया। रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हेड कांस्टेबल के बयान के आधार पर इंस्पेक्टर विजेंद्र राणा को भी मुकदमे में आरोपी बना दिया गया है, जिसके बाद अधिकारियों के निर्देश पर इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा और हेड कांस्टेबल मनमोहन के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है।एसएसपी की ओर से गठित की गई टीम रिश्वत ले रहे हैं हेड कांस्टेबल को रंगे हाथों गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर अपनी जान बचाने के लिए प्रयागराज के लिए रवाना हो गए है।

दरहसल ,गाजियाबाद के मसूरी निवासी ट्रक चालक अब्दुल सलाम ने 5 फरवरी को मेरठ सदर बाजार थाने में ट्रक चोरी का मुकदमा दर्ज कराया था। यह मुकदमा फर्जी तरह से ट्रक के इंश्योरेंस की रकम लेने को दर्ज कराया था। ट्रक को कहीं और बेच दिया गया था। सदर बाजार पुलिस छानबीन में यह खुलासा हुआ ट्रक चोरी नहीं हुआ और फर्जी मुकदमा सदर थाने में लिखवाया गया। बावजूद इसके सदर बाजार पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दी।सदर पुलिस ने ट्रक मालिक को पूछताछ के लिए बुलाया था। ट्रक मालिक ने शुरुआत में बताया कि उसने मुजफ्फरनगर निवासी वसीम को ट्रक देकर कटवा दिया और चोरी का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस वसीम को उठा लाई। हालांकि जब ट्रक मालिक और वसीम का आमना-सामना हुआ तो खुलासा हुआ वसीम ने किसी ट्रक का कटान नहीं किया। इसके बावजूद भी पुलिस वसीम को परेशान कर रही थी और मोटी रकम मांगी जा रही थी और पैसा न देने पर उसे जेल भेजने की धमकी दी गयी।

इस पुरे प्रकरण की जानकारी वसीम द्वारा एसएसपी मेरठ को दी गयी तो मामले की गंभीरता को देखते हुए वसीम की शिकायत पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने जांच एसपी सिटी विनीत भटनागर को सौंप दी थी।

एसपी सिटी की जाँच में जब यह  स्पष्ट हो गया कि थाने का हेडकांस्टेबल मनमोहन ट्रक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए लाए गए खतौली के वकार को छोड़ने की एवज में एक लाख की रिश्वत मांग रह हैं और पचास हजार की रकम पहले ही मनमोहन हेडकांस्टेबल मनमोहन को दी जा चुकी थी और बाकी की रकम मंगलवार को मनमोहन को दी जानी थी। खतौली का वकार शाम चार बजे थाने के बाहर पोस्ट आफिस के सामने मनमोहन को बाकी रकम देने पहुंचा। तभी एसपी सिटी की टीम ने मनमोहन को तीस हजार की रकम के साथ पकड़ लिया। एसएसपी के सामने पूछताछ में मनमोहन ने बताया कि इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा के कहने पर रकम वसूली जा रही थी। उसने आरोप लगते हुए बताया कि इंस्पेक्टर इससे पहले भी ट्रक स्वामी और चालक को छोड़ने की एवज में तीन लाख की रकम वसूल चुके हैं।

कप्तान ने इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी लेने के आदेश दिए। हेडकांस्टेबल की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर ने एसएसआइ को थाने का चार्ज दिया और हाईकोर्ट में सीए दाखिल करने की बात पुलिस के वाट्सएप ग्रुप पर डालकर निकल गए। देर रात एसएसपी के आदेश पर हेडकांस्टेबल और इंस्पेक्टर के खिलाफ सदर बाजार थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है ।

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