मेकेदत्तु परियोजना: कर्नाटक के सांसदों ने संसद भवन परिसर में दिया धरना
तमिलनाडु के राजनीतिक दलों के विरोध के जवाब में कर्नाटक के सांसद साथ आए है। इसमें कांग्रेस और भाजपा के सांसद भी शामिल हैं। इन सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष इस मुद्दे पर धरना दिया।
नयी दिल्ली। कर्नाटक के सांसदों ने कावेरी नदी पर मेकेदत्तु बांध के निर्माण की मांग पर पार्टी लाइन से अलग हटकर बृहस्पतिवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया। कावेरी नदी पर बांध बनाये जाने का द्रमुक और अन्नाद्रमुक विरोध कर रहे हैं और इसके कारण संसद में कामकाज बाधित हो रहा है। तमिलनाडु के राजनीतिक दलों के विरोध के जवाब में कर्नाटक के सांसद साथ आए है। इसमें कांग्रेस और भाजपा के सांसद भी शामिल हैं। इन सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष इस मुद्दे पर धरना दिया।
Delhi: Karnataka MPs hold protest in Parliament premises over the issue of Mekedatu dam project pic.twitter.com/YUduL8VB4f
— ANI (@ANI) December 27, 2018
वहीं, कावेरी पर बांध निर्माण के मुद्दे पर तमिलनाडु के दोनों दलों सांसद मेकेदत्तु परियोजना के विषय को संसद में उठाते रहे हैं जिस बारे में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने को केंद्र मंजूरी दे चुकी है। इन मुद्दे पर विरोध के कारण संसद की कार्रवाई एक सप्ताह से अधिक समय से बाधित रही है। बहरहाल, कर्नाटक के सांसदों ने संसद भवन परिसर में इस मुद्दे को उठाते हुए ‘‘ हम मेकेदत्तु परियोजना चाहते हैं’’ के नारे लगाए। वे अपने हाथों में तख्तियां लिये हुए थे जिस पर लिखा था, ‘‘कर्नाटक चर्चा चाहता है, बाधा नहीं’’, ‘‘राजनीति समस्या खड़ी करती है, मेकेदत्तु समाधान’’ और ‘‘हम चाहते हैं कि भारत सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करे।’’
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धरना देने वाले सांसदों में भाजपा से शोभा करंदलाजे, प्रह्लाद जोशी, जी एम सिद्देश्वरा के साथ ही कांग्रेस के जयराम रमेश, हरि प्रसाद, राजीव गौड़ा, डी के सुरेश, ध्रुव नारायण सहित जद एस के वी गौड़ा शामिल हैं। हालांकि इस दौरान कुछ केंद्रीय मंत्री मौजूद नहीं थे। पूर्व प्रधानमंत्री एवं जदएस प्रमुख देवगौड़ा ने धरना प्रदर्शन के बाद कहा, ‘‘हमारे तमिलनाडु के मित्रों को हमारे प्रति कुछ सहानुभूति दिखानी चाहिए। हम कावेरी से अधिशेष पानी चाहते हैं जो समुद्र में बेकार चला जाता है। ’’
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