जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकवादियों ने बिहार के प्रवासी मजूदर की हत्या की

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जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी, जो लक्षित हत्या का नवीनतम मामला है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमला बृहस्पतिवार की मध्यरात्रि के करीब बांदीपोरा के सोदनारा सुंबल में हुआ।

श्रीनगर, 13 अगस्त । जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी, जो लक्षित हत्या का नवीनतम मामला है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमला बृहस्पतिवार की मध्यरात्रि के करीब बांदीपोरा के सोदनारा सुंबल में हुआ। मृतक की पहचान बिहार के मधेपुरा जिला निवासी मोहम्मद अमरेज के तौर पर की गई है जिसकी उम्र करीब 20 साल थी। खुद को अमरेज का भाई बता रहे मोहम्मद तमहीद ने बताया कि वे सो रहे थे तभी मध्यरात्रि के करीब 12 बजकर 20 मिनट पर उन्होंने गोलियां चलने की आवाज सुनी।

उन्होंने बताया, ‘‘हम सो रहे थे, तभी रात करीब 12 बजकर 20 मिनट पर मेरे छोटे भाई ने कहा कि उसने गोलियां चलने की आवाज सुनी है। मैंने उससे कहा कि इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं, इसलिए सो जाओ। लेकिन उसने मुझे बताया कि वह बाहर देखकर आएगा, क्योंकि एक अन्य भाई कमरे में नहीं है।’’ तमहीद ने कहा, ‘‘वह सीढ़ियों से नीचे गया और देखा कि वह (अमरेज) खून से लथपथ है। हमने सेना को बुलाया। वे मौके पर पहुंचे और उसे हजिन ले गए। चिकित्सकों ने उसे श्रीनगर ले जाने को कहा, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।’’ तमहीद और अमरेज के साथियों ने सरकार से अपील की है कि वह मृतक का शव बिहार ले जाने में उनकी मदद करे। अपनी पार्टी के नेता और बांदीपुरा से पूर्व विधायक उस्मान मजीद ने इस हमले की निंदा की है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रवासी मजदूर मोहम्मद अमरेज की बांदीपुरा जिले के सोदनारा इलाके में हुई हत्या की कड़ी निंदा करता हूं। बेगुनाहों की हत्या कोई बहादुरी नहीं है, बल्कि पूरी तरह से कायराना हमला है, जिसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिये। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ है। ’’ अमरेज चौथा प्रवासी है, जिसकी इस साल कश्मीर में लक्षित हत्या की गई है। इस साल आतंकवादियों द्वारा अबतक 14 आम नागरिकों और छह सुरक्षाबलों की लक्षित हत्या की गई है। जनवरी में एक पुलिस कर्मी की अनंतनाग में लक्षित हत्या की गई थी। फरवरी में ऐसी कोई घटना नहीं हुई।

वहीं, मार्च में सबसे अधिक सात ऐसी हत्याएं हुई जिनमें पांच आम लोग और एक सीआरपीएफ का जवान शामिल है जो छुट्टी पर आया शोपियां आया था जबकि विशेष पुलिस अधिकारी (एसपओ) की बडगाम में हत्या कर दी गई थी। इस हमले में एसपीओ के भाई की भी मौत हो गई थी। अप्रैल महीने में एक सरपंच सहित दो गैर सैनिकों की हत्या की गई थी। वहीं मई महीने में आतंकवादियों ने पांच लोगों की लक्षित हत्या की जिनमें दो पुलिस कर्मी और तीन आम नागरिक थे। मई में आतंकवादियों द्वारा गए मारे गए आम नागरिकों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत भर्ती सरकारी कर्मचारी राहुल भट, टीवी एंकर अमरीन भट और शिक्षिका रजनी बाला शामिल थीं। जून महीने में एक प्रवासी बैंक प्रबंधक और एक प्रवासी मजदूर की आतंकवादियों ने हत्या कर दी जबकि एक पुलिस उपनिरीक्षक भी आतंकवादियों के हमले में मारे गए। अगस्त महीने में भी आतंकवादियों द्वारा अबतक दो गैर कश्मीरी मजदूरों की हत्या की जा चुकी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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