स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- भारत में कोविड-19 संबंधी मौतों की कम जानकारी नहीं दी जा रही

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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की वरिष्ठ वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता ने कहा कि भारत में कोविड-19 से संबंधित मौतों की कम जानकारी नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हममें से यहां कोई भी कोविड-19 संबंधी मौतों की कम जानकारी के बारे में नहीं सोचता।

नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस संबंधी मौतों की कम जानकारी नहीं दी जा रही है और राज्य आकलन कर रहे हैं तथा यह पता लगा रहे हैं कि संबंधित मौत कोविड कारकों से हुईं या गैर-कोविड कारकों से। मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित 14 देश, जिनकी जनसंख्या कुल मिलाकर भारत के बराबर है, वहां कोविड-19 की वजह से 55.2 गुना अधिक मौत हुई हैं तथा वहां संक्रमण के 22.5 गुना अधिक मामले हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कोविड-19 से हो रहीं मौतों की कम जानकारी दी जा रही है क्योंकि कई राज्य संक्रमण को लेकर शवों की जांच नहीं कर रहे, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की वरिष्ठ वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता ने कहा कि भारत में कोविड-19 से संबंधित मौतों की कम जानकारी नहीं दी जा रही है। 

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उन्होंने कहा, ‘‘हममें से यहां कोई भी कोविड-19 संबंधी मौतों की कम जानकारी के बारे में नहीं सोचता। यदि आप आंकड़ों को देखें तो अन्य देशों के मुकाबले मृत्यु दर में कमी आने में भारत की स्थिति अच्छी रही है।’’ गुप्ता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अस्पताल में कोई मरीज आता है और उसकी मौत हो जाती है तो हो सकता है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो या नहीं हो और बहुत से कारक हैं जो मौत के लिए जिम्मेदार हैं। यह उचित नहीं है कि हर मौत को कोविड-19 से हुई मौत बता दिया जाए।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव लव अग्रवाल ने भी कहा कि ‘‘कोविड-19 मौतों की कोई कम जानकारी नहीं दी जा रही है।’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि क्या मौत कोविड-19 की वजह से हुई है क्योंकि हमें शव को लेकर एक विभिन्न प्रोटोकॉल का पालन करना होता है।’’ अग्रवाल ने कहा, ‘‘मौतों की संख्या में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हो रही, बल्कि वे कम हो रही हैं।’’ उन्होंने ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हमें पुन: आश्वस्त महसूस करना चाहिए कि देश सुरक्षित हाथों में है और कोविड-19 के प्रबंधन की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।’’ अग्रवाल ने कहा कि महज मामलों की संख्या को देखना और यह कहना गलत है कि भारत सातवें स्थान पर है क्योंकि देशों की जनसंख्या को भी संज्ञान में लिया जाना चाहिए। 

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उन्होंने कहा कि करीब 14 देश जिनकी कुल आबादी लगभग भारत के बराबर है, वहां कोरोना वायरस के कारण 55.2 गुना अधिक मौत हुई हैं और वहां संक्रमण के मामलों की संख्या 22.5 गुना अधिक है। अग्रवाल ने कहा ‘‘कोविड-19 के मामले में हमारी मृत्यु दर 2.82 प्रतिशत और यह दुनिया में सबसे कम है जबकि वैश्विक मृत्यु दर 6.13 प्रतिशत है। हम मामलों की समय पर पहचान और उचित नैदानिक ​​प्रबंधन के कारण इसे हासिल कर पाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के मामलों में भारत में मृत्यु दर प्रति लाख जनसंख्या पर 0.41 प्रतिशत है जो दुनिया में सबसे कम है जबकि वैश्विक स्तर पर यह 4.9 प्रतिशत है। अग्रवाल ने कहा कि भारत में होने वाली हर दो कोविड​​-19 मौतों में से एक मौत वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ी है जो कुल आबादी का 10 प्रतिशत हैं। इसके साथ ही देश में कोविड​​-19 से हुईं मौतों में 73 प्रतिशत लोग पहले से ही गंभीर रोग से पीड़ित थे।

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