मंत्रियों के नाम हो गये तय, कई बड़े और पुराने चेहरे नहीं दिखेंगे नई सरकार में
मंत्रिमंडल गठन को लेकर दिनभर कयासों का दौर जारी रहा। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चार घंटे से ज्यादा समय तक बैठक करके नये मंत्रियों के नाम को अंतिम रूप दिया।
प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में लौटे नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होने वाले इस समारोह में करीब 6500 मेहमान शिरकत कर सकते हैं। 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के शपथ समारोह में करीब 5000 मेहमान पहुंचे थे। ऐसा चौथी बार होगा जब राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा। शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए बिमस्टेक देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ ही देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों सहित विभिन्न पार्टियों के नेताओं को तो न्योता भेजा ही गया है साथ ही 54 खास लोग भी इस समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित किये गये हैं। यह 54 लोग पश्चिम बंगाल के उन भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवारों से हैं जो बंगाल की चुनावी हिंसा में अपनी जान से हाथ धो बैठे। 30 मई गुरुवार की शाम को शपथ लेने जा रहे मोदी सुबह में सभी भाजपा सांसदों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि स्थल जाकर श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे।
इसे भी पढ़ें: सरकार-2 की शपथ से पहले ही सक्रिय राजनीति से रिटायर हुए जेटली
इससे पहले मंत्रिमंडल गठन को लेकर दिनभर कयासों का दौर जारी रहा। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चार घंटे से ज्यादा समय तक बैठक करके नये मंत्रियों के नाम को अंतिम रूप दिया। गुरुवार को अमित शाह सुबह सीधे भाजपा मुख्यालय पहुँचे और एक-एक कर उन लोगों से मुलाकात का क्रम शुरू किया जिन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी चर्चा की। नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी की ओर से नाम अमित शाह को बता दिये हैं लेकिन मंत्रालयों को लेकर कोई बात नहीं हुई है क्योंकि यह तय करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। मुलाकातों के दौर के बाद अमित शाह सीधे प्रधानमंत्री आवास पहुँचे और नरेन्द्र मोदी को सबसे हुई बातचीत की जानकारी दी।
Delhi: Chief Minister of Bihar, Nitish Kumar arrives at the residence of BJP President Amit Shah. pic.twitter.com/sGLRZP7Y1e
— ANI (@ANI) May 29, 2019
बताया जा रहा है कि जदयू और शिवसेना से दो-दो या तीन-तीन मंत्री बनाये जा सकते हैं इसके अलावा लोजपा की ओर से मंत्री पद के लिए रामविलास पासवान का नाम ही भाजपा को भेजा गया है। अकाली दल से सुखबीर बादल मंत्री बनाये जाएंगे। पिछली मोदी सरकार में सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल मंत्री थी। हालांकि वह इस बार भी चुनाव जीती हैं लेकिन मंत्री उनके पति सुखबीर बनेंगे। इसी तरह अपना दल से अनुप्रिया पटेल का मंत्री बनना तय है। नयी सरकार में जो पुराने चेहरे नहीं दिखेंगे उनमें वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम सबसे प्रमुख है। उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से सक्रिय राजनीति से कुछ समय तक दूर रहने का निर्णय करते हुए प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र भेजा है। उमा भारती लोकसभा चुनाव नहीं लड़ी थीं इसलिए वह मंत्री नहीं बनाई जाएंगी। हालांकि चुनाव तो सुषमा स्वराज भी नहीं लड़ी थीं लेकिन उन्होंने राजनीति से दूर रहने का कोई ऐलान नहीं किया है इसलिए यह देखना होगा कि वह मंत्री बनाई जाती हैं या नहीं।
फिलहाल प्रधानमंत्री सबसे बड़ी माथापच्ची इस बात पर कर रहे हैं कि सबसे अहम मंत्रालय यानि रक्षा, गृह, वित्त और विदेश किन्हें दिये जाएं। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की भी चाहत है कि इन प्रमुख मंत्रालयों में से किसी का प्रभार मिले लेकिन पार्टी चाहती है कि वह पुराने मंत्रालयों में जो शानदार काम कर रहे थे उसे आगे बढ़ाएं। वित्त मंत्रालय के लिए पीयूष गोयल का नाम तो है ही यह भी चर्चा है कि इस पद पर किसी नौकरशाह को बिठाया जा सकता है। यदि अमित शाह मंत्रिमंडल में शामिल होते हैं तो उन्हें गृह मंत्रालय दिया जाना तय है क्योंकि वह गुजरात में मोदी सरकार के दौरान राज्य के गृहमंत्री रह चुके हैं। ऐसी स्थिति में रक्षा मंत्रालय राजनाथ सिंह को और विदेश मंत्रालय निर्मला सीतारमण को दिया जा सकता है।
I have today written a letter to the Hon’ble Prime Minister, a copy of which I am releasing: pic.twitter.com/8GyVNDcpU7
— Arun Jaitley (@arunjaitley) May 29, 2019
दूसरी ओर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए मेहमानों का दिल्ली आना शुरू हो चुका है। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा सिनेमा जगत तथा अर्थ जगत से जुड़ी हस्तियां भी दिल्ली पहुँच रही हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से भी कई लोग दिल्ली आये हैं। विदेशी मेहमानों की बात करें तो नेपाल, भूटान और मॉरिशस के प्रधानमंत्री, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार के राष्ट्रपति, थाईलैंड और किर्गिस्तान के प्रमुख भी शपथ ग्रहण में शामिल होंगे। पिछली बार प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के प्रमुख शामिल हुए थे, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल था।
अन्य न्यूज़