मायावती, अखिलेश के प्रति मोदी नरम, BJP को MP-छत्तीसगढ़ में बहुमत खोने का डर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बड़ा बयान आया है। प्रधानमंत्री ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा मुखिया मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति नरम रुख दिखाया है।

मध्य प्रदेश में 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए आज जारी मतदान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बड़ा बयान आया है। प्रधानमंत्री ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा मुखिया मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति नरम रुख दिखाया है। तेलंगाना के निजामाबाद में मंगलवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को मायावती और अखिलेश से कोई दिक्कत नहीं है, पश्चिम बंगाल को वामदलों और ममता बनर्जी से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसे लोगों ने हर राज्य से बाहर कर दिया है।

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मोदी के इस बयान से जो आशय निकाले जा सकते हैं वह यह है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भले भाजपा अपनी जीत के दावे कर रही हो लेकिन कहीं ना कहीं इन राज्यों में उसे अपना जनाधार खोने का खतरा है। बसपा जहां छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही है वहीं समाजवादी पार्टी भी मध्य प्रदेश में कुछ सीटों पर प्रभावी मानी जा रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री का सपा और बसपा के प्रति नरम रुख इसलिए भी हो सकता है कि यदि चुनाव परिणाम बाद भाजपा को सरकार बनाने के लिए आंकड़ों की कमी पड़े तो सपा या बसपा में से कोई सहयोग दे दे। 

इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाने के जो प्रयास हो रहे हैं उसमें भी प्रधानमंत्री रुकावट डालना चाहते हैं। क्षेत्रीय दलों को कांग्रेस के खिलाफ अगर खड़ा कर दिया जाये तो महागठबंधन बनाने की जो कोशिशें हो रही हैं वह अपने आप ही बाधित हो जाएंगी। महागठबंधन में कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है। अगर सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस या वामपंथी कांग्रेस से दूरी बना लें तो भाजपा की राह आसान हो जायेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में साफ संकेत दिया है कि भाजपा कांग्रेस को छोड़कर किसी भी पार्टी के साथ मिल कर काम कर सकती है।

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गौरतलब है कि मायावती तो पहले तीन बार भाजपा के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकार बना चुकी हैं। इसके अलावा स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में जब मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश में सरकार बनी थी तो वह भाजपा की वजह से ही बन पाई थी। ममता बनर्जी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा रह चुकी हैं और वाजपेयी सरकार में वह विभिन्न मंत्रालय संभाल चुकी हैं। वामपंथी भी वीपी सिंह सरकार के दौरान भाजपा के साथ रह चुके हैं।

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