मोदी की बांग्लादेश यात्रा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन: तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल ने 28 मार्च को लिखे पत्र को मंगलवार को जारी किया। मोदी बांग्लादेश की आजादी के 50 वर्ष पूरे होने और ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए 26 से 27 मार्च तक बांग्लादेश की यात्रा पर गए थे। वह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर वहां गए थे।
तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन ने पत्र में लिखा, ‘‘हमें आधिकारिक उद्देश्य के लिए बांग्लादेश की उनकी किसी भी यात्रा से कोई आपत्ति नहीं है। आखिरकार भारत ने बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी। विशेषकर पश्चिम बंगाल ने पश्चिमी पाकिस्तान में क्रूर शासन से आजादी के लिए तब पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली बंधुओं के वीर संघर्ष में बड़ा योगदान दिया था।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘बहरहाल अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस 27 मार्च को बांग्लादेश में श्री मोदी के कार्यक्रमों पर कड़ी आपत्ति जताती है। इनका बांग्लादेश की आजादी के 50 वर्ष पूरे होने या ‘बंगबंधु’ के जयंती समारोहों से कोई लेना-देना नहीं था। इसके बजाय उनका एकमात्र और खास मकसद पश्चिम बंगाल में चल रहे चुनावों में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान को प्रभावित करने का था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री इतने अनैतिक और अलोकतांत्रिक कृत्य में शामिल नहीं रहा और न ही विदेशी भूमि से अपनी पार्टी के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर चुनाव प्रचार करके आचार संहिता का उल्लंघन किया।’’Trinamool Congress (TMC) registers a complaint with Election Commission over, "Gross violation of democratic ethics and the Model Code of Conduct by Prime Minister during his visit to Bangladesh." pic.twitter.com/S1dDiejAqt
— ANI (@ANI) March 30, 2021
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तृणमूल नेता ने आरोप लगाया कि मोदी की यात्रा के पीछे का राजनीतिक मकसद इस बात से साबित होता है कि वह अपने साथ पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर को लेकर गए जिनके पास भारत सरकार में कोई आधिकारिक पद नहीं है। ओ’ब्रायन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के साथ जाने के लिए तृणमूल कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के किसी सांसद या प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में चुनावी प्रक्रिया में विदेशी भूमि से हस्तक्षेप कर अपने आधिकारिक पद का गलत इस्तेमाल किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस भारत के निर्वाचन आयोग से न केवल उनकी निंदा करने बल्कि उनके खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग करती है ताकि वह भविष्य में ऐसी गलती करने की हिमाकत न करें।
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