Prabhasakshi NewsRoom । 'जय श्रीराम' बोलने वालों को भागवत की नसीहत, कहा- उनके पद चिन्हों पर चलने की जरूरत
मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि आजादी के बाद देश को जितना आगे बढ़ना चाहिए था, उतना आगे नहीं बढ़ पाया। भागवत ने कहा कि देश को आगे ले जाने की दिशा में आगे चलेंगे तो हम आगे बढ़ेंगे और 15-20 वर्ष में जरूर अपेक्षित विकास होगा।
अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बन रही मंदिर के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। मोहन भागवत ने बात-बात पर धर्म और भगवान का नाम लेने वालों को भी बड़ी नसीहत दी है। दरअसल, मोहन भागवत दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित संत ईश्वर सम्मान 2021 कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि इन दिनों हम जय श्री राम का नारा बहुत जोश में लगाते हैं। इसमें कुछ भी बुरा नहीं है। लेकिन हमें भगवान राम के पद चिन्हों पर भी चलना चाहिए। इसके साथ ही मोहन भागवत ने कहा कि अपना स्वार्थ छोड़कर लोगों की भलाई का काम करने का रास्ता कठिन है।
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया के तमाम देशों में जितने महापुरुष हुए होंगे उतने हमारे देश में पिछले 200 वर्षों में हुए हैं। इन सभी में से किसी ना किसी का जीवन हमारे आंखों के सामने सर्वांगीण राह उजागर करता है। लेकिन जब राह उजागर होती है तब उसके कांटे कंकर भी दिखते हैं जिसके बाद हमारे जैसे लोग हिम्मत नहीं कर पाते। मोहन भागवत ने यह भी कहा कि लोग ऐसे महापुरुषों की पूजा, जयंती, पुण्यतिथि, जय जयकार सब करते हैं जैसे कि अभी भगवान श्री राम के लिए हम सब कहते हैं। उन्होंने कहा कि नारा लगाने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन हमें श्रीराम जैसा होना भी चाहिए हम सोचते हैं कि वह भगवान थे। अरे भरत जैसे भाई से श्रीराम ही प्रेम कर सकते हैं, हम नहीं कर सकते।#WATCH | Nowadays, we raise the slogan of 'Jai Shri Ram' enthusiastically. There is nothing bad in it but we should also follow the path shown by Lord Ram: RSS chief Mohan Bhagwat at an event in Delhi pic.twitter.com/rCrttILjJf
— ANI (@ANI) November 21, 2021
इसे भी पढ़ें: सही रास्ते पर चल रहे PM Modi ने आखिर क्यों लिया U-Turn
मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि आजादी के बाद देश को जितना आगे बढ़ना चाहिए था, उतना आगे नहीं बढ़ पाया। भागवत ने कहा कि देश को आगे ले जाने की दिशा में आगे चलेंगे तो हम आगे बढ़ेंगे और 15-20 वर्ष में जरूर अपेक्षित विकास होगा। भागवत ने कहा कि आजादी के बाद 75 वर्ष में जितना आगे बढ़ना चाहिए था, उतना आगे हम नहीं बढ़ पाए। जिस दिशा में देश को आगे ले जाना चाहिए था, उस दिशा में और उस रास्ते पर नहीं चले, इसलिए नहीं बढ़ पाए। उन्होंने कहा कि भारत ने आदिकाल से पूरी दुनिया को सुसंस्कृत बनाने का काम किया और भारत का इरादा कभी किसी को जीतने का नहीं रहा तथा न ही किसी को बदलने का रहा। सरसंघचालक ने कहा कि जब हम सहोदर भाव के साथ काम करेंगे तब 15-20 वर्षो में देश का पूरा विकास हो जाएगा।
अन्य न्यूज़