मोहन भागवत ने जमीयत प्रमुख मदनी से की मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

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[email protected] । Sep 2 2019 4:37PM

सम्पर्क किये जाने पर संघ के प्रचार विभाग के पदाधिकारी राजीव तुली ने बैठक की पुष्टि की और कहा कि संघ प्रमुख होने के नाते भागवत समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद करते हैं।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने जमीयत उलेमा ए हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी से मुलाकात की और दोनों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में हिंदू और मुस्लिमों के बीच एकता को मजबूती प्रदान करने और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाएं जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। यह बैठक शुक्रवार को यहां संघ के यहां स्थित कार्यालय केशव कुंज में हुई और इसका आयोजन भाजपा के पूर्व महासचिव (संगठन) रामलाल ने किया था जो वापस आरएसएस में चले गए हैं।

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मदनी ने कहा, ‘‘बैठक 90 मिनट से अधिक समय तक चली और इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। भागवत साहब इस बैठक के लिए हवाई मार्ग से नागपुर से यहां आये थे। यह बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।’’ उन्होंने कहा कि संघ और जमीयत संभवत: देश में सबसे बड़े गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन हैं और वे देश के हित में काम करना चाहते हैं जो उन्हें बातचीत की एक मेज पर ले आया। मदनी ने कहा, ‘‘हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच एकता को मजबूती प्रदान करना, भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीटकर मार डालने और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर चर्चा हुई।’’ दोनों नेताओं के बीच यह बैठक असम में एनआरसी की अंतिम सूची सार्वजनिक किये जाने से एक दिन पहले हुई। 

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मदनी ने यह भी कहा कि उन्होंने बैठक में यह भी कहा कि जमीयत वी डी सावरकर और एम एस गोलवलकर के विचारों से सहमत नहीं है। सम्पर्क किये जाने पर संघ के प्रचार विभाग के पदाधिकारी राजीव तुली ने बैठक की पुष्टि की और कहा कि संघ प्रमुख होने के नाते भागवत समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद करते हैं। तुली ने कहा, ‘‘ऐसी ही एक बैठक के तहत भागवत शुक्रवार को मदनी से मिले। संघ देश में एकता और शांति के लिए काम करता है और जो भी इस प्रयास में शामिल होना चाहता है उसका स्वागत है।’’ संघ के सूत्रों के अनुसार बैठक इस वर्ष के शुरू में होनी थी लेकिन इसे लोकसभा चुनाव के बाद के लिए टाल दिया गया ताकि बैठक का कोई राजनीतिक अर्थ न निकाला जाए।

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