हंगामेदार हो सकता है संसद का मानसून सत्र, बुलडोजर एक्शन, अग्नीपथ योजना जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में कई ऐसी घटनाएं सामने आईं जिनमें कथित तौर पर उग्र प्रदर्शनों में शामिल रहने वालों के घरों को प्राधिकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया प्राधिकारियों का दावा था कि इन मकानों का निर्माण अवैध तरीके से हुआ था और जमीन संबंधी दस्तावेजों में भी अनियमितताएं थीं।
संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा। संसद सत्र के हंगामेदार रहने के आसार जताए जा रहे है। माना जा रहा है कि विपक्ष इस सत्र के दौरान सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगा। जिन मुद्दों पर विपक्ष सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा हमलावर रह सकता है उनमें बुलडोजर एक्शन, अग्निपथ योजना, दंगे और पुलिस की गोलीबारी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में प्रवासियों पर हमले शामिल हैं। सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा, 2021 की जनगणना की स्थिति और विधिविरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के मुद्दे भी सांसदों के द्वारा उठाए जा सकते हैं। हालांकि दावा किया जा रहा है कि दो मसलों को लेकर विपक्ष सबसे ज्यादा हंगामा कर सकता है वह है अग्नीपथ योजना और बुलडोजर एक्शन।
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मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में कई ऐसी घटनाएं सामने आईं जिनमें कथित तौर पर उग्र प्रदर्शनों में शामिल रहने वालों के घरों को प्राधिकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया प्राधिकारियों का दावा था कि इन मकानों का निर्माण अवैध तरीके से हुआ था और जमीन संबंधी दस्तावेजों में भी अनियमितताएं थीं। ‘‘अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों के लिए आरक्षण’’ का मुद्दा हालांकि अतारांकित प्रश्न के माध्यम से सूचिबद्ध किया गया है लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि विपक्षी दल इस मुद्दे को अन्य माध्यमों से भी उठाएं। केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के युवाओं की रक्षा सेवाओं में भर्ती के लिए महत्वाकांक्षी ‘‘अग्निपथ’’ योजना आरंभ किए जाने की घोषणा की थी। इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी और भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा। चार साल की सेवा के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही नियमित सेवा में रहने का मौका दिया जाएगा। इस योजना के विरोध में देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में 10 नौकरियों में अग्निवीरों को आरक्षण दिया जाएगा। संसद के इस सत्र के दौरान अर्धसैनिक बलों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने, नक्सली हमले, दंगे, कर्फ्यू और पुलिस की गोलीबारी की वारदात, सीमापार से मादक द्रव्यों की तस्करी, आतंकवादी हमलों की घटनाएं जैसे मुद्दे भी उठाए जाने की संभावना है। अर्धसैनिक बलों में नियुक्ति में हो रही देरी, जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी घटनाएं, भारी बारिश के कारण हुई जान व माल की क्षति, केंद्र शासित लद्दाख में बेराजगारी का मुद्दा, जम्मू एवं कश्मीर में भूमि अधिग्रहण जैसे कुछ मुद्दे भी संभावित प्रश्नों के रूप में सूचिबद्ध हैं। समाज में बढ़ती धार्मिक कट्टरता, अर्धसैनिक बलों के कर्मियों का मानसिक स्वास्थ्य, बाढ़ व चक्रवातों से हुए नुकसान, केंद्र व राज्यों के संबंधों, जम्मू एवं कश्मीर में रोजगार की दर और अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के खिलाफ अपराध के मामलों जैसे मुद्दे भी संसद के दोनों सदनों में उठाए जा सकते हैं।
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