मुस्लिम संगठनों ने उदयपुर की घटना की निंदा की, गैरकानूनी और गैर इस्लामी कृत्य करार दिया

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ANI

देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने उदयपुर में दो मुस्लिम युवकों द्वारा एक दर्जी की निर्मम हत्या किए जाने की घटना की निंदा करते हुए बुधवार को कहा कि यह न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि गैर इस्लामी भी है। इन संगठनों ने सभी से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह से कानून हाथ में नहीं लेने की अपील की।

नयी दिल्ली। देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने उदयपुर में दो मुस्लिम युवकों द्वारा एक दर्जी की निर्मम हत्या किए जाने की घटना की निंदा करते हुए बुधवार को कहा कि यह न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि गैर इस्लामी भी है। इन संगठनों ने सभी से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह से कानून हाथ में नहीं लेने की अपील की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने एक बयान में कहा, ‘‘भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने इस्लाम के पैग़म्बर के बारे में जो अपमानजनक शब्द कहे हैं, वह मुसलमानों के लिए अत्यन्त दुखदायी हैं। इसके साथ ही सरकार का उसपर कोई कार्यवाही न करना ज़ख़्म पर नमक छिड़कने जैसा है।

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इसके बावजूद क़ानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति की हत्या कर देना निन्दनीय कृत्य है। न तो क़ानून इसकी अनुमति देता है और न इस्लामी शरीयत इसको जायज़ ठहराती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पर्सनल लॉ बोर्ड यह अपील करता है कि लोग धैर्य से काम लें और क़ानूनी मार्ग अपनाएं। सरकार से अपील है कि कोई भी पवित्र व्यक्तित्व के अपमान के सम्बंध में सख़्त क़ानून बनना चाहिए और ऐसे मामलों में तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जानी चाहिए।’’ जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने भी हत्या की घटना की निंदा की है। उन्होंने एक बयान में कहा, जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। यह देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है।

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हमारे देश में क़ानून की व्यवस्था है, किसी को भी क़ानूम अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।’’ मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने इस अवसर पर देश के सभी नागरिकों से अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाने की अपील की। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने एक बयान में कहा, ‘‘उदयपुर की घटना बर्बर, असभ्य है तथा इस्लाम में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। किसी भी नागरिक को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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