भारत का राष्ट्रवाद ना संकीर्ण है, ना स्वार्थी है और ना ही आक्रामक है: नरेंद्र मोदी
मोदी ने कहा कि भारत सही मायनों में अवसरों का देश हैं। कई अवसर हमारा इंतजार कर रहे हैं। यह युवा राष्ट्र है जो जोश से भरा हुआ है और अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रयास कर रहा है। हम किसी भी अवसर को जाने नहीं देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देते हुए राज्यसभा में कहा कि आज पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना होगा, वह भी ऐसी चुनौतियों के बीच। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में हुए चर्चा के दौरान सदस्यों के बहुमूल्य विचार के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया। नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अच्छा होता कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती। लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई। मोदी ने कहा कि भारत सही मायनों में अवसरों का देश हैं। कई अवसर हमारा इंतजार कर रहे हैं। यह युवा राष्ट्र है जो जोश से भरा हुआ है और अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रयास कर रहा है। हम किसी भी अवसर को जाने नहीं देंगे।
मोदी ने कहा कि हम सभी के लिए ये भी एक अवसर है कि हम आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये अपने आप में एक प्रेरक अवसर है। हम जहां भी, जिस रूप में हों मां भारती की संतान के रूप में इस आजादी के 75वें पर्व को हमें प्रेरणा का पर्व मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के लिए दुनिया ने बहुत आशंकाएं जतायी थीं। विश्व बहुत चिंतित था कि अगर कोरोना की इस महामारी में अगर भारत अपने आप को संभाल नहीं पाया तो न सिर्फ भारत पूरी मानव जाति के लिए इतना बड़ा संकट आ जाएगा, ये आशंकाएं सभी ने जताई। इस कोरोना काल में भारत ने वैश्विक संबंधों में एक विशिष्ट स्थान बनाया है, वैसे ही भारत ने हमारे फेडरल स्ट्रक्चर को इस कोरोना काल में, हमारी अंतर्भूत ताकत क्या है, संकट के समय हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं, ये केंद्र और रज्य सरकार ने मिलकर कर दिखाया है।India has seen days when there was a large threat of polio, smallpox. Nobody knew whether India will get a vaccine or how many people will get it. From those days, we're now here, when our nation is making vaccines for world. This increases our self-confidence: PM in Rajya Sabha pic.twitter.com/4drTd0LbLJ
— ANI (@ANI) February 8, 2021
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यहां लोकतंत्र को लेकर काफी उपदेश दिए गए हैं। मैं नहीं मानता कि जो बातें बताई गई हैं देश का कोई भी नागरिक उन पर भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं, ऐसी गलती हम न करें। "हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है। ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन मिलता है। मोदी ने कहा कि भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है। भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है। ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है।" ये वक्तव्य आजाद हिंद फौज की प्रथम सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी का है। मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि जाने-अनजाने में हमने नेताजी की भावना को, उनके आदर्शों को भुला दिया है। उसका परिणाम है कि आज हम ही, खुद को कोसने लगे हैं। हमने अपनी युवा पीढ़ी को सिखाया नहीं कि ये देश लोकतंत्र की जननी है। हमें ये बात नई पीढ़ी को सिखानी है।Our democracy is not a western institution. It's a human institution. India's history is filled with examples of democratic institutions. We find mention of 81 democracies in ancient India. Today it's essential to warn citizens about the attacks on India's nationalism: PM Modi pic.twitter.com/54ogmFvlt9
— ANI (@ANI) February 8, 2021
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