नरेंद्र सिंह की बिहार विप सदस्यता रद्द करने का निर्णय बरकरार

पटना उच्च न्यायालय ने जदयू के बागी पार्षद और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की बिहार विधान परिषद से सदस्यता रद्द किए जाने के सभापति के निर्णय को बहाल रखा है।

पटना। पटना उच्च न्यायालय ने जदयू के बागी पार्षद और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की बिहार विधान परिषद से सदस्यता रद्द किए जाने के सभापति के निर्णय को बहाल रखा है। न्यायधीश के. मंडल की एकल पीठ ने सभापति के उक्त निर्णय के विरूद्ध नरेंद्र सिंह द्वारा दायर एक याचिका को आज खारिज करते हुए कहा कि सभापति द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं बनता। गत 06 जनवरी को बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत नरेंद्र सिंह की सदन से सदस्यता रद्द कर दी थी।

बिहार विधान परिषद में जदयू के मुख्य सचेतक संजय कुमार सिंह ने पार्टी विरोधी गति विधियों को लेकर सदन में अपनी पार्टी के सदस्य नरेंद्र सिंह की सदस्यता रद्द किए जाने के लिए सभापति को पत्र लिखा था। उल्लेखनीय है कि जदयू के अपने विधायक दल का नेता नीतीश कुमार को चुन लिये जाने पर उसके बागी सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के मंत्रिमंडल में शामिल रहे नरेंद्र सिंह ने उनके साथ मिलकर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा नामक एक नये दल का गठन कर लिया था।

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