राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का मसौदा जारी, पढ़िए ड्राफ्ट से जुड़ी बड़ी बातें
यह आधार कार्ड की ही तरह एक सिस्टम होगा इसके तहत मरीजों को अच्छी सुविधा मिलेगी और डॉक्टर को अच्छी ट्रीटमेंट देने में भी मदद मिल सकेगी और पूरा डाटा इकट्ठा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन के तहत लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मसौदा तैयार किया गया है। इसमें रजिस्टर हर व्यक्ति को एक मुफ्त हेल्थ आईडी मिलेगा जिससे वह खुद अपनी गोपनीय जानकारी पर नियंत्रण कर सकता है। इस मसौदे में यह भी कहा गया है कि बिना व्यक्ति के इजाजत से उसकी कोई भी जानकारी हासिल नहीं की जा सकती। इसका मतलब साफ है कि जब तक आप नहीं कहेंगे तब तक आपकी कोई भी जानकारी हासिल नहीं की जा सकती है। इतना ही नहीं, अगर व्यक्ति चाहे तो अपनी जानकारी साझा करने वालों पर भी रोक लगा सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने लोगों के लिए ‘स्वास्थ्य आंकड़ा प्रबंधन नीति’ का मसौदा जारी किया है। इसे राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की सरकारी वेबसाइट पर डाला गया है और लोगों से 3 सितंबर तक राय मांगी गई है।
आपको यह भी बता देते हैं कि आखिर क्या है राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन?
इस योजना के जरिए सभी स्वास्थ्य संबंधित सेवाओं को एक डिजिटल माध्यम मिलेगा। इस मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटलाइज्ड किया जाएगा। साथ ही इसमें डॉक्टर और हेल्थ फैसिलिटी भी रजिस्टर की जाएगी। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के अंतर्गत नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन बनाया गया है। कुल मिलाकर इस मिशन के जरिए सभी लोगों को स्वास्थ्य की जानकारी और सेवाओं को एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा।
माना जा रहा है कि इस मिशन के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं की क्षमता और पारदर्शिता में वृद्धि होगी। इसके अलावा भारत संयुक्त राष्ट्र वैश्विक हेल्थ कवरेज के लक्ष्य को भी हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम आयुष्मान भारत को लागू करवाने वाली एनएचए ने ही नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के ऐप और वेबसाइट को तैयार किया है। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से चार बिंदुओं को शामिल करके तैयार किया गया है। यह है हेल्थ आईडी, पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड, डॉक्टर और हेल्थ फैसिलिटी की रजिस्ट्री।
इस योजना से जुड़ी कुछ खास बातें आपको बता देते हैं:-
- हेल्थ आईडी सिस्टम के तहत लोगों की हेल्थ आईडी कार्ड बनाई जाएगी।
- सभी डॉक्टरों का यूनिक आईडी होगा और इसमें सभी जानकारी होगी।
- हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री के तहत सभी हॉस्पिटल, क्लीनिकल लैब आपस में जुड़ सकेंगे और यूनिक आईडी भी पा सकेंगे।
- इस मिशन के तहत पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड भी शुरू किया गया है जिसमें लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी अपलोड या स्टोर कर सकेंगे।
यह आधार कार्ड की ही तरह एक सिस्टम होगा इसके तहत मरीजों को अच्छी सुविधा मिलेगी और डॉक्टर को अच्छी ट्रीटमेंट देने में भी मदद मिल सकेगी और पूरा डाटा इकट्ठा होगा। इस मिशन से सरकार को यह भी पता चलेगा कि कहां पर किस प्रकार की सुविधाओं की आवश्यकता है और वहां के लिए किस तरीके की नीति बनानी होगी। साथ ही साथ सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा करने के लिए आगे बढ़ सकेगी।
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