नौसेना प्रमुख ने कहा आईएनएस विक्रांत से विमानों का संचालन अगले साल मई-जून तक हो सकता है शुरू

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नौसेना प्रमुख आर. हरि कुमार ने बुधवार को कहा कि नए विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत से विमानों के संचालन की प्रक्रिया के अगले साल मई या जून तक शुरु होने की संभावना है। उन्होंने महाराष्ट्र में पुणे जिले के खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 143वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से कहा कि विमानवाहक पोत के समुद्री परीक्षण हो गए हैंनौसेना प्रमुख आर. हरि कुमार ने बुधवार को कहा कि नए विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत से विमानों के संचालन की प्रक्रिया के अगले साल मई या जून तक शुरु होने की संभावना है। उन्होंने महाराष्ट्र में पुणे जिले के खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 143वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से कहा कि विमानवाहक पोत के समुद्री परीक्षण हो गए हैं

नौसेना प्रमुख आर. हरि कुमार ने बुधवार को कहा कि नए विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत से विमानों के संचालन की प्रक्रिया के अगले साल मई या जून तक शुरु होने की संभावना है। उन्होंने महाराष्ट्र में पुणे जिले के खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 143वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से कहा कि विमानवाहक पोत के समुद्री परीक्षण हो गए हैं जिसके बाद उसे नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि अब पोत से विमानों के संचालन के लिए परीक्षण शुरू किए गए हैं।

नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘सबसे पहले विमान की लैंडिंग प्रणाली की जांच करने की आवश्यकता है। ये परीक्षण अभी चल रहे हैं। सामान्य तौर पर पोत को बेड़े में शामिल करने के बाद विमानों का संचालन शुरु होने में छह से आठ महीने का वक्त लगता है। हमें मानसून से पहले मई या जून तक इसके पूरा हो जाने की उम्मीद है।’’ एनडीए में महिला कैडेट के पहले बैच की भर्ती पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेनाएं लैंगिक रूप से निष्पक्ष हैं। महिलाएं पहले ही युद्धक सेवाएं दे रही हैं। नौसेना समेत तीनों सेनाओं में महिला अधिकारी हैं।’’ उन्होंने कहा कि नौसेना ने महिला नौसैनिकों की भर्ती भी शुरू की है जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

एडमिरल कुमार ने कहा, ‘‘इस साल हमने नौसैनिकों के लिए 3,000 रिक्तियां निकाली थी जिसके लिए हमें 10 लाख आवेदन मिले और इनमें से 82,000 आवेदन महिलाओं से मिले।’’ नौसेना की आधुनिकीकरण की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना आधुनिकीकरण कार्यक्रम चला रही है। हमारा पहला छोटा जहाज 1960 में शामिल किया गया...। उसके बाद से हम बड़े तथा और बड़े जहाज बना रहे हैं। इसके बाद हमने विध्वंसकों, कल्मीनेटर और विमानवाहक पोतों का निर्माण शुरू कर दिया। संयोग से नया विमानवाहक पोत 76 फीसदी स्वदेश निर्मित है इसलिए यह देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्ष में भारत में बनाए गए 29 जहाज और पनडुब्बी बेड़े में शामिल किए गए।

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एडमिरल कुमार ने कहा, ‘‘हमारे 45 जहाज निर्माणाधीन हैं जिनमें से 43 भारत में बने हैं। हम 49 अन्य जहाजों की आवश्यकता की स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं इसलिए आधुनिकीकरण की योजना पर बहुत ध्यान है और सरकार हमारा सहयोग कर रही है। उम्मीद के मुताबिक कार्य प्रगति पर है।’’ भारतीय नौसेना के लिए बजट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘बजट की कोई दिक्कत नहीं है। सभी कार्यक्रमों में सहयोग देने के लिए सरकार से पर्याप्त बजट मिला है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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