रोजगार सृजन, स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान देने की जरूरत: अशोक गहलोत

Ashok Gehlot

इन जिलों में झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में उपलब्ध खनिज सम्पदा का भी जिक्र किया।

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 महामारी के बाद रोजगार सृजन और स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान देने की जरूरत जताई है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है। गहलोत नीति आयोग की शासी परिषद की छठी बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग ले रहे थे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की। बैठक में गहलोत ने कहा, ‘‘नीति आयोग ने जो छह एजेंडे रखे हैं, वे आज के वक्त में बिल्कुल ही प्रासंगिक हैं। इसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूँ और कोविड के बाद में, मैं समझता हूँ रोजगार के सृजन की और स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य के 13 जिलों के लिए महत्वपूर्ण प्रस्तावित ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जयपुर और अजमेर में इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की घोषणा की थी। 

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गहलोत ने प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘मैं आपसे निवेदन करना चाहूंगा कि यह आपका खुद का वादा है और आपको ही निभाना है।’’ उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से राज्य के 13 जिलों को पीने एवं सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इन जिलों में झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में उपलब्ध खनिज सम्पदा का भी जिक्र किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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