दोहरी उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों की पहचान की जरूरत: सेना प्रमुख
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Aug 26 2020 7:44AM
सेना द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि जरूरतों की पहचान और सैन्य अनुप्रयोगों के हिसाब से उत्पादों की सटीकता का अहम मिशन सशस्त्र बलों के लिए आधुनिकीकरण रणनीति बनना चाहिए।
नयी दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को सैन्य प्रौद्योगिकियों की परखने की वकालत की जिन्हें भारतीय संदर्भ में अभियानों पर तैनात की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को उन उपलब्ध ‘विध्वंसकारी प्रौद्योगिकियों’ पर उपयुक्त ध्यान देना होगा जिनका दोहरा उपयोग है और जो वाणिज्यिक निकायों द्वारा संचालित हो रही हैं। सेना द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि जरूरतों की पहचान और सैन्य अनुप्रयोगों के हिसाब से उत्पादों की सटीकता का अहम मिशन सशस्त्र बलों के लिए आधुनिकीकरण रणनीति बनना चाहिए।
उनका बयान रक्षा मंत्रालय द्वारा रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर फिर बल दिये जाने की पृष्ठभूमि में आया है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस बात की परख करने की जरूरत है कि ऐसी कौन सी प्रौद्योगिकियां हैं जिनकी भारतीय संदर्भ में अभियानों पर तैनात करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उन प्रौद्योगिकियों की पहचान करनी है जिन्हें विकसित किया जाना या स्वदेशी ढंग से या साझेदारी से हासिल करना व्यावहारिक है और ऐसा करते हुए हमें स्वदेशी प्रौद्योगिकी आधार और विकास में लगने वाली लागत पर ध्यान देने की जरूरत है।MP: Indian Army organised a seminar today on "Impact of Disruptive Technologies on Our Fighting Philosophy in Future Conflicts” as part of the Defence and Strategy Seminar 2020 at Army War College, Mhow. Chief of Army Staff attended the seminar to provide strategic guidance. pic.twitter.com/x9bdA9VdoC
— ANI (@ANI) August 25, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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