NEET paper Leak Case: SC के फैसले पर बोले शिक्षा मंत्री, सत्य की सदा ही जीत होती है

dharmendra pradhan
ANI
अंकित सिंह । Aug 2 2024 2:09PM

प्रधान ने आगे लिखा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए हम विशेषज्ञों की उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशों को प्रस्तुत किए जाने के बाद उन्हें जल्द से जल्द लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि निष्कर्ष और फैसला उस दुष्प्रचार को सिरे से खारिज करता है जो फैलाया जा रहा था।

नीट विवाद के बीच राहत की सांस लेते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला केंद्र के रुख की पुष्टि करता है। फैसले का स्वागत करते हुए मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद केंद्र विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को लागू करेगा। प्रधान ने एक्स पर लिखा कि सत्य के सूर्य को झूठ का बादल कुछ समय के लिए छिपा सकता है, पर सत्य की सदा ही जीत होती है। उन्होंने कहा कि एनईईटी-यूजी परीक्षा में पवित्रता का कोई प्रणालीगत उल्लंघन नहीं होने और इसलिए दोबारा परीक्षा नहीं होने पर माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी सरकार के रुख को सही ठहराती है। सरकार "छेड़छाड़ मुक्त, पारदर्शी और शून्य-त्रुटि परीक्षा प्रणाली" के लिए प्रतिबद्ध है। 

इसे भी पढ़ें: NEET-UG 2024 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, नीट पेपर लीक केवल पटना-हजारीबाग तक सीमित, NTA को 'फ्लिप-फ्लॉप' से बचना चाहिए

प्रधान ने आगे लिखा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए हम विशेषज्ञों की उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशों को प्रस्तुत किए जाने के बाद उन्हें जल्द से जल्द लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि निष्कर्ष और फैसला उस दुष्प्रचार को सिरे से खारिज करता है जो फैलाया जा रहा था। हम न्याय देने और लाखों मेहनती छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय को तहे दिल से धन्यवाद देते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हम माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले को अक्षरशः लागू करेंगे।

इसे भी पढ़ें: Chai Par Sameeksha: Niti Aayog पर आरोप लगा रहे नेता क्या अपने कामकाज का हिसाब देने का साहस दिखाएंगे

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने प्रश्नपत्र लीक की चिंताओं के कारण विवादों से घिरी राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 परीक्षा को रद्द नहीं किया क्योंकि इसकी शुचिता में कोई प्रणालीगत चूक नहीं पायी गई है। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 23 जुलाई को सुनाए गए आदेश के विस्तृत कारणों में कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को अपना ढुलमुल रवैया बंद करना चाहिए क्योंकि यह छात्रों के हित में नहीं है।

All the updates here:

अन्य न्यूज़