अमरावती को मिली पर्यावरणीय मंजूरी रद्द करने से एनजीटी का इंकार
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी अमरावती को दी गई पर्यावरणीय मंजूरी को रद्द करने से इंकार कर दिया और कहा कि निषेधाज्ञा का आदेश राज्य के वित्तीय हितों को खतरे में डाल देगा।’
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी अमरावती को दी गई पर्यावरणीय मंजूरी को रद्द करने से इंकार कर दिया और कहा कि निषेधाज्ञा का आदेश राज्य के "वित्तीय हितों को खतरे में डाल देगा।’’ हरित पैनल ने हालांकि कहा कि यह परियोजना पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना, 2006 की श्रेणी बी के तहत आता है तथा पर्यावरणीय मंजूरी में अतिरिक्त शर्तें लगायी जानी जरूरी थी।
निर्माण की अनुमति देते हुए एनजीटी ने कहा कि कार्यकारी और विधायी फैसलों की आवश्यकता के रूप में परियोजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है और किसी भी राज्य की अपनी राजधानी होगी। एनजीटी ने अमरावती के परियोजना स्थल पर काम की निगरानी के लिए दो समिति, पर्यवेक्षण समिति और कार्यान्वयन समिति गठित की है। एनजीटी का यह आदेश कार्यकर्ता पी श्रीमन्नारायण, ई ए एस सरमा और अन्य की याचिका पर आया है।
याचिका में दावा किया गया है कि यह स्थान बाढ़ की आशंका वाला इलाका है और राज्य सरकार ने राजधानी शहर बसाने के लिए स्थान का चुनाव करते हुए परियोजना के पारिस्थितिक और पर्यावरणीय आयामों पर विचार नहीं किया।
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