19 साल बाद नीतीश के हाथ से फिसला गृह मंत्रालय, सम्राट चौधरी को मिली कमान; बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर

नीतीश कुमार के लगातार गृह मंत्रालय रखने की परंपरा इस बार टूटी है, भाजपा ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को यह महत्वपूर्ण विभाग सौंपकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है, जहाँ भाजपा ने सत्ता के बंटवारे में अहम मंत्रालयों पर अपना कब्जा जमाया है।
बिहार में शपथ ग्रहण समारोह के बाद अब बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार में यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास गृह विभाग नहीं रहेगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को गृह मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है। यह अपने आप में बड़ी खबर है। 2005 से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पास गृह मंत्रालय रखते रहे हैं। लेकिन इस बार भाजपा इसे लेने में कामयाब हुई है। वहीं, दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा को भू-राजस्व और खनन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। मंगल पांडे को एक बार फिर से स्वास्थ्य एवं विधि मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है जबकि रामकृपाल यादव कृषि मंत्री बने हैं।
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नितिन नवीन को पीडब्ल्यूडी का विभाग दिया गया है। वहीं, दीपक प्रकाश को पंचायती राज विभाग के जिम्मेदारी दी गई है। संतोष सुमन अपने पुराने विभाग लघु जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। दिलीप जायसवाल के पास उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, अबतक जदयू की ओर से कोई सूची सामने नहीं आई है। बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को दसवीं बार पद और गोपनीयता की शपथ ली। नीतीश के 26 सदस्यीय मंत्रिमंडल में पुराने अनुभवी नेताओं के साथ 10 नए चेहरों को शामिल किया गया है, जिसमें जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
करीब 19 वर्ष से सत्ता में रहे कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू)और सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ मंत्रियों को दोबारा मौका दिया है। जारी सूची के अनुसार, मंत्रिपरिषद में शामिल 26 सदस्यों में से 10 पहली बार मंत्री बने हैं। कुमार के मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी व विजय कुमार सिन्हा को बरकरार रखा गया है, जो पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। वहीं जदयू ने अपने पुराने मंत्रियों बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार को भी मंत्रिमंडल में बरकरार रखा गया है। भाजपा ने अपने पूर्व मंत्रियों मंगल पांडेय, सुरेंद्र प्रसाद मेहता और नितिन नविन को दोबारा कैबिनेट में शामिल किया है।
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पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी मंत्रिमंडल में वापसी की हैं। एक अन्य मंत्री नारायण प्रसाद की भी वापसी हुई है। वर्ष 2022 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नीतीश के अचानक अलग होने पर जायसवाल व प्रसाद ने अपना पद गंवा दिया था और पिछली बार जदयू के राजग में लौटने पर भी उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी। राजग के अन्य सहयोगियों में हम (सेक्युलर) ने फिर से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन को अपना मंत्री बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी
सम्राट चौधरी- गृह विभाग
विजय कुमार सिन्हा
- भूमि एवं राजस्व विभाग
- खान एवं भू-तत्व विभाग
मंगल पांडेय
- स्वास्थ्य विभाग
- विधि विभाग
दिलीप जायसवाल
- उद्योग विभाग
नितिन नवीन
- पथ निर्माण विभाग
- नगर विकास एवं आवास विभाग
रामकृपाल यादव
- कृषि विभाग
संजय टाइगर
- श्रम संसाधन विभाग
अरुण शंकर प्रसाद
- पर्यटन विभाग
- कला, संस्कृति एवं युवा विभाग
सुरेन्द्र मेहता
- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
नारायण प्रसाद
- आपदा प्रबंधन विभाग
रमा निषाद
- पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
लक्ष्मण पासवान
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग
श्रेयसी सिंह
- सूचना प्रौद्योगिकी विभाग
- खेल विभाग
प्रमोद चन्द्रवंशी
- सहकारिता विभाग
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
LJP (R)
संजय कुमार पासवान - गन्ना उद्योग विभाग
संजय कुमार सिंह- लोक स्वास्थ्य अभियांत्रण विभाग
HAM
संतोष सुमन- लघु जल संसाधन विभाग
RLM
दीपक प्रकाश- पंचायती राज विभाग
जदयू
विजय कुमार चौधरी
- जल संसाधन, संसदीय कार्य, सूचना एवं जनसंपर्क और भवन निर्माण
बिजेंद्र प्रसाद यादव
- वित्त, ऊर्जा, योजना एवं विकास, उत्पाद एवं मद्य निषेध और वाणिज्यिक कर
श्रवण कुमार
- ग्रामीण विकास और परिवहन
अशोक चौधरी
- ग्रामीण कार्य
लेशी सिंह
- खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण
मदन सहनी
- समाज कल्याण
सुनील कुमार
- शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मोहम्मद ज़मा खान
-अल्पसंख्यक कल्याण
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