कानून में ढील के बीच नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा- शराब पीने वाले महापापी
नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि कोई शराब पीने गया और ज़हरीली शराब पीकर उसकी मृत्यु हो गई, शराब तो है ही ख़राब। शराबबंदी लागू करना चाहिए। शराब पीना बुरा है बापू ने भी कहा है और जो बापू की बात भी नहीं सुनता वो महा पापी है। कानून बनाए जाते हैं लेकिन उसका पालन कोई नहीं करता है।
बिहार विधानसभा ने बुधवार को निषेध एवं उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया, जिसके तहत राज्य में पहली बार शराबबंदी कानून को कम सख्त बनाया गया है। बिहार में बार-बार जहरीली शराब की घटनाओं पर आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब पीने वालों को 'महापापी' कहा और कहा कि जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों को राहत देने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि कोई शराब पीने गया और ज़हरीली शराब पीकर उसकी मृत्यु हो गई, शराब तो है ही ख़राब। शराबबंदी लागू करना चाहिए। शराब पीना बुरा है बापू ने भी कहा है और जो बापू की बात भी नहीं सुनता वो महा पापी है। कानून बनाए जाते हैं लेकिन उसका पालन कोई नहीं करता है।
इसे भी पढ़ें: देश के सभी प्रधानमंत्रियों के सम्मान में मोदी ने बनवाया प्रधानमंत्री संग्रहालय, जानिये कुछ बड़ी बातें
उन्होंने कहा कि लोग यह जानते हुए भी कि शराब का सेवन हानिकारक है, शराब का सेवन करते हैं, और इस प्रकार, वे इसके परिणामों के लिए जिम्मेदार हैं, राज्य सरकार नहीं। नीतीश कुमार ने कहा कि कितना भी हम प्रयास करे लेकिन कुछ लोग गड़बड़ करते ही हैं। हम नियम बनाते हैं लेकिन कुछ लोग उसका सही से पालन नहीं करते हैं। दुनियाभर में शराब का बुरा असर है इसके ख़िलाफ अभियान चलाना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: बिहार में जल बिन मछली बनकर रह गए मुकेश सहनी, नीतीश मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में 1.74 करोड़ लोगों ने शराब छोड़ी है। कुमार ने यह टिप्पणी बिहार विधानसभा द्वारा कल पेश किए जाने और एक संशोधन विधेयक पारित करने के बाद की, जो राज्य में पहली बार शराबबंदी करने वालों के लिए शराब प्रतिबंध को कम कठोर बनाने का प्रयास करता है।
कोई भी बात तुरंत खत्म नहीं होती: मांझी
शराबबंदी क़ानून पर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई भी बात तुरंत ख़त्म नहीं होती है धीरे-धीरे उसके गुण दोष देखे जाते हैं। सरकार ने 2016 में क़ानून बनाया बीच में समीक्षा हुई आज फिर से प्रस्ताव आया। इसमें क्या विकृति आएगी उसपर सरकार सोंचेगी। मांझी ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि नीतीश कुमार को जो लोग रिजिड समझ रहे हैं वे रिजिड नहीं हैं बल्कि वे लोगों की बातों को समझने की कोशिश कर इसमें सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं।
अन्य न्यूज़