लालू राज के खिलाफ नीतीश का पोस्टर अभियान, भय बनाम भरोसा का दिया नारा

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जदयू का यह अभियान रविवार को शुरू हुआ था जब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भाजपा के चुनावी अभियान की शुरुआत डिजिटल रैली से की थी और विश्वास व्यक्त किया था कि नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी राजग को फिर से विधानसभा चुनाव में जीत दिलाएंगे।

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव में राजद का मुकाबला करने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं को ‘भय बनाम भरोसा’ का मंत्र दिया है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपने आधिकारिक निवास से बातचीत के दौरान पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के बीच ‘भय बनाम भरोसा’ का यह पोस्टर जारी किया है। जदयू के एक अन्य पोस्टर में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के 15 सालों के शासन को ‘पति-पत्नी की सरकार’ के रूप में इंगित किया गया है। उक्त पोस्टर में चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू के अलावा राबडी देवी, सीवान के पूर्व बाहुबली राजद सांसद और आपराधिक मामलों में सजा काट रहे हैं मोहम्मद शहाबुद्दीन तथा नाबालिग से बलात्कार मामले में सजा काट रहे नवादा के पूर्व राजद विधायक राज वल्लभ यादव को भी दिखाया गया है। 

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वीडियो और ऑडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बुधवार को समस्तीपुर जिले के पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि इस साल चुनाव भी होना है इसलिए लोगों के साथ बातचीत का सिलसिला और पूरी बात की जानकारी देने का काम शुरू कर देना चाहिए तथा आज इसका चौथा दिन है और समस्तीपुर जिले के साथियों के साथ मिलने का मौका मिला है। उन्होंने कारोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अबतक किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं से कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए लोगों के बीच अपने काम का प्रचार करने के साथ उन लोगों को जवाब देना है जो हमलोगों पर आक्रमण करते हैं, पर 90 प्रतिशत अपने किए गए काम का हिस्सा होगा और दस प्रतिशत आक्रमण करने वालों को दिया जाने वाला जवाब होगा। 

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नीतीश ने लालू और राबड़ी के 15 सालों की ओर इशारा करते हुए कहा 15 साल तक पति-पत्नी का राज था। क्या बुरा हाल था। कहीं सड़क और बिजली थी? लोग घर से निकलने में डरते नहीं थे? कितना सामूहिक नरसंहार हुआ था। कितना सांप्रदायिक दंगा होता था। नक्सल गतिविधि कितनी थीं। महिलाओं की क्या स्थिति थी। सब हमलोगों ने नियंत्रित किया और आज क्या किसी को डर लगता है?जो भी आज इधर-उधर करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होती है। न हम किसी को बचाते हैं और न ही किसी को फंसाते हैं। पहले लोग बचाने और फंसाने के चक्कर में रहते थे जिससे अपराध बढ़ता था। नई पीढ़ी जो कि अब 18 साल के हो जाने के कारण मतदाता भी हो जाएंगे, को ये सब बताना जरूरी है । 

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जदयू का यह अभियान रविवार को शुरू हुआ था जब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भाजपा के चुनावी अभियान की शुरुआत डिजिटल रैली से की थी और विश्वास व्यक्त किया था कि नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी राजग को फिर से विधानसभा चुनाव में जीत दिलाएंगे। सीवान के कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान, मुख्यमंत्री ने कहा “आपके जिले और आसपास के लोगों में बहुत ऊर्जा है। लेकिन पहले लोगों को कितना नुकसान उठाना पड़ा। उन्हें उन दिनों की याद दिलाई जानी चाहिए ”।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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