बिहार में जीविका दीदियों की कुल संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ हो गई है- Nitish

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कटिहार में अपनी समाधान यात्रा के दौरान मीडियाकर्मियों से कुमार ने कहा, ‘‘जीविका दीदी शानदार काम कर रही हैं और इस मॉडल ने बड़े पैमाने पर महिलाओं का सशक्तीकरण सुनिश्चित किया है। उन्हें दुनिया भर में सराहना मिल रही है। उनके कार्यों और जीविका मॉडल की प्रशंसा विकसित देशों में भी हो रही है।’’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण आजीविका परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी जीविका दीदियों के कार्यों की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि राज्य में अब इस परियोजना से जुड़ी कुल महिलाओं की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ हो गई है। कटिहार में अपनी समाधान यात्रा के दौरान मीडियाकर्मियों से कुमार ने कहा, ‘‘जीविका दीदी शानदार काम कर रही हैं और इस मॉडल ने बड़े पैमाने पर महिलाओं का सशक्तीकरण सुनिश्चित किया है। उन्हें दुनिया भर में सराहना मिल रही है। उनके कार्यों और जीविका मॉडल की प्रशंसा विकसित देशों में भी हो रही है।’’

उन्होंने कहा कि यह बहुत संतोष की बात है कि जीविका से जुड़ी महिलाओं की कुल संख्या अब 1.30 करोड़ है। उन्होंने कहा कि जीविका के तहत कई तरह के आजीविका उपायों के माध्यम से महिलाएं अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने में सक्षम हुई हैं। जीविका नाम से चर्चित बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना का महिलाओं के जीवन पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ा है। इसे 2006 में छह जिलों (गया, खगड़िया, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नालंदा और पूर्णिया) के 42 प्रखंडों के 4000 गांवों में शुरू किया गया था जिससे 590000 परिवारों को लाभ हुआ था। इस परियोजना से जुड़े सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य बिहार में ग्रामीण गरीबों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ाना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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