- |
- |
कांग्रेस ने बिहार में की शराब की दुकानें खुलवाने की बात, मुख्यमंत्री नीतीश ने साधा निशाना
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 24, 2021 08:25
- Like

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में शराब की दुकान खुलवाने की बात करने वाले कांग्रेस के लोग पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के समय अपने को मादक पेय एवं नशीले पदार्थों से दूर रखने का वचन देते हैं।
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रदेश में शराब की दुकान खुलवाने की बात करने वाले कांग्रेस के लोग पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के समय अपने को मादक पेय एवं नशीले पदार्थों से दूर रखने का वचन देते हैं।
इसे भी पढ़ें: लालू प्रसाद के शासन काल की तुलना में NDA के शासन में दोगुना हुआ अपराध: तेजस्वी
बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के प्रथम दिन 19 फरवरी को बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद के संयुक्त सत्र के दौरान राज्यपाल फागू चौहान के अभिभाषण पर चर्चा के बाद मंगलवार को सरकार की ओर से जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि प्रदेश में शराब की दुकान खुलवाने की बात करने वाले कांग्रेस के लोग पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के समय अपने को मादक पेय एवं नशीले पदार्थों से दूर रखने का वचन देते हैं।
इसे भी पढ़ें: बिहार में भीषण हादसे में 6 लोगों की मौत, पीएम मोदी और CM नीतीश कुमार ने जताया दुख
उन्होंने कहा कि बापू के विचारों के खिलाफ बोल रहे ये लोग यह भूल गए हैं कि सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित किए जाने के बाद एक अप्रैल 2016 से प्रदेश में शराबबंदी लागू की गयी और आज उसके विरोध में बोल रहे हैं। नीतीश ने कहा कि कांग्रेस में सदस्यता ग्रहण के समय सदस्यता फार्म पर हस्ताक्षर कर वे वचन देते कि वे अपने को मादक पेय एवं नशीले पदार्थों से दूर रखते हैं। ऐसे में कांग्रेस ही जाने कि उसके कैसे कैसे लोग सदस्य बने हैं।
उत्तराखंड में भाजपा कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक, प्रदेश में बढ़ी सियासी सरगर्मी
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 8, 2021 08:35
- Like

पार्टी सूत्रों ने बताया कि रमन सिंह ने कोर ग्रुप की बैठक में मौजूद हर सदस्य से अलग—अलग बातचीत की। बाद में रमन सिंह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में भी गए जहां पार्टी के करीब 40 विधायक मौजूद थे।
उत्तराखंड भाजपा की कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक और उसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में पार्टी उपाध्यक्ष और महासचिव व राज्य प्रभारी दुष्यंत गौतम की उपस्थिति ने राज्य सरकार में कुछ बड़े परिवर्तन की अटकलों को हवा दे कर प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा दिया है। अलग-अलग हुई बैठकों के बाद दोनों केंद्रीय नेता दिल्ली लौट गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के नेता रमन सिंह और दुष्यंत गौतम विधायकों व सांसदों से हुई बातचीत के बारे में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। प्रदेश इकाई की कोर ग्रुप की यह बैठक पहले से प्रस्तावित नहीं थी और यह ऐसे समय बुलाई गई जब प्रदेश की नई ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था। बैठक की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गैरसैंण से तुरंत देहरादून वापस आना पड़ा। आनन—फानन में बजट पारित करा कर सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और भाजपा विधायकों को भी गैरसैंण से तत्काल देहरादून बुला लिया गया। दो घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कोर ग्रुप की बैठक में राज्य सभा सदस्य नरेश बंसल, टिहरी से लोकसभा सदस्य माला राज्यलक्ष्मी शाह, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, नैनीताल से लोकसभा सदस्य अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सहित पार्टी के प्रदेश संगठन के भी अहम नेता मौजूद रहे।
इसे भी पढ़ें: महंगाई के खिलाफ ममता का रोड शो, कहा- बंगाल में तृणमूल रहेगी परिवर्तन तो दिल्ली में होगा
पार्टी सूत्रों ने बताया कि रमन सिंह ने कोर ग्रुप की बैठक में मौजूद हर सदस्य से अलग—अलग बातचीत की। बाद में रमन सिंह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में भी गए जहां पार्टी के करीब 40 विधायक मौजूद थे। कोर ग्रुप की बैठक के बाद सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय भी गए। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी कोर ग्रुप की बैठक में शरीक होना था, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं पहुंच पाए। हालांकि, रमन सिंह के दिल्ली लौटने से पहले यहां जौलीग्रांट हवाई अडडे पर निशंक ने उनसे मुलाकात की। इतनी तेजी से हुए घटनाक्रम ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज कर दी हैं। ऐसी सुगबुगाहट है कि केंद्रीय नेतृत्व रावत के विकल्पों पर विचार कर रहा है। एक विधायक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षको ने उनसे रावत के विकल्प के बारे में भी पूछा। प्रदेश भाजपा के सूत्रों ने बताया कि रावत की कार्यप्रणली और शासन में उनकी बात ना सुने जाने की केंद्रीय नेतृत्व से शिकायत की गई थी। पर्यवेक्षकों ने इस पर भी विधायकों से रायशुमारी की है। दिल्ली में पार्टी के सूत्रों ने बताया कि चूंकि पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस पर भी विचार करेगा कि उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन से दन चुनावों पर किस तरह का असर पड़ेगा। सूत्रों ने ये भी कहा कि 10 मार्च को रावत से जुड़े एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होनी है।
इसे भी पढ़ें: मोदी और शाह सबसे बड़े लुटेरे, परिवर्तन दिल्ली में होगा, बंगाल में नहीं: ममता
इस बीच, भाजपा महासचिव गौतम ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की खबरों को अटकलें और ‘‘अनावश्यक’’ बताते हुए खारिज कर दिया और बताया कि रमन सिंह के साथ उनका उत्तराखंड दौरा सरकार के चार साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने को लेकर था। उन्होंने बताया कि चूंकि राज्य में अगले साल विधानसभा होने हैं, इसलिए राज्य के नेताओं से इस संदर्भ में भी चर्चा की गई। नेतृत्व परिवर्तन संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह अनावश्यक अटकलबाजी है।’’ अचानक केंद्रीय पर्यवेक्षकों के देहरादून पहुंचने और विधायकों से रायशुमारी किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर बंशीधर भगत ने कहा, ‘‘18 मार्च को प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 70 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।’’ उन्होंने कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है और पार्टी विधायकों में कहीं कोई मनमुटाव नहीं है। इस बीच, मुख्यमंत्री ने रविवार को गैरसैंण पार्टी के समस्त जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की और 18 मार्च को आयोजित होने वाले सरकार के चार साल ‘बातें कम-काम ज्यादा’ कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर विचार-विमर्श किया। रावत उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य की कमान रावत को सौंपने का फैसला किया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 75 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री हैं।
कर्नाटक में कोरोना वायरस संक्रमण के 622 नये मामले, तीन और लोगों की मौत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 8, 2021 08:26
- Like

बुलेटिन के अनुसार कलबुर्गी में 34, उडुपी में 30, तुमकुरु में 25, बीदर में 24, दक्षिण कन्नड़ और धारवाड़ में 16-16, बेलगावी में 13, बेंगलुरु ग्रामीण में 12 और मैसुरु में 11 नये मामले सामने आए हैं।
बेंगलुरु। कर्नाटक में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 622 नये मामले सामने आने के बाद कुल मामलों की संख्या बढ़ कर 9.55 लाख पहुंच गई, जबकि इस महामारी से तीन और लोगों की मौत हो जाने पर मृतकों की कुल संख्या बढ़ कर 12,362 पर पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग के बुलेटिन के अनुसार राज्य में अब तक इस रोग से 9,35,772 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
इसे भी पढ़ें: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 18,711 नए मामले आए सामने
विभाग ने बताया कि राज्य में अभी कोविड-19 के 6,862 मरीजों का इलाज चल रहा है। बुलेटिन के अनुसार कलबुर्गी में 34, उडुपी में 30, तुमकुरु में 25, बीदर में 24, दक्षिण कन्नड़ और धारवाड़ में 16-16, बेलगावी में 13, बेंगलुरु ग्रामीण में 12 और मैसुरु में 11 नये मामले सामने आए हैं।
मोदी और शाह सबसे बड़े लुटेरे, परिवर्तन दिल्ली में होगा, बंगाल में नहीं: ममता
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 8, 2021 08:24
- Like

लपीजी मूल्य में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन मार्च के बाद यहां एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया कि मोदी-शाह के शासनकाल में ‘‘एक सिंडिकेट फल-फूल रहा है’’ और उनकी देखरेख में धन का हेरफेर हो रहा है।
सिलीगुड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नए सिरे से मोर्चा खोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ‘‘सबसे बड़े लुटेरे’’ हैं और जानना चाहा कि किस तरह सार्वजनिक उपक्रम के विनिवेश के माध्यम से धन जुटाया गया। एलपीजी मूल्य में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन मार्च के बाद यहां एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया कि मोदी-शाह के शासनकाल में ‘‘एक सिंडिकेट फल-फूल रहा है’’ और उनकी देखरेख में धन का हेरफेर हो रहा है। कोलकाता में एक रैली के दौरान ‘‘वास्तविक बदलाव’’ के मोदी के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘परिवर्तन दिल्ली में होगा, बंगाल में नहीं।’’ प्रधानमंत्री पर राज्य में ‘‘मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठ का सहारा लेने’’ का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये क्यों नहीं जमा किए, जैसा कि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले वादा किया था।
बनर्जी ने पूछा, ‘‘रेल, एअर इंडिया और कोल इंडिया लिमिटेड को बेचकर कितना धन इकट्ठा किया गया? पूरा देश मोदी-शाह सिंडिकेट के बारे में जानता है।’’ वह भाजपा के इन आरोपों का जवाब दे रही थीं कि उनके शासन में राज्य में ‘‘कट मनी की संस्कृति’’ को संस्थागत रूप दिया गया है। टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में पूरी दुनिया में कमी आई है लेकिन भारत में ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इतने वर्षों में कई ‘‘खोखले’’ वादे किए और लोगों को अब उन पर विश्वास नहीं है। बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आपने कई खोखले वादे किए हैं। लोग हमेशा आपके झूठ को स्वीकार नहीं करेंगे। हम मांग करते हैं कि आप एलपीजी सिलेंडर देश के हर नागरिक के लिए सस्ता करिए। आपने एलपीजी सिलेंडर आम आदमी की पहुंच से दूर कर दिया है।’’ ममता ने राज्य में अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। टीएमसी के ‘खेला होबे’ नारे पर मोदी द्वारा कटाक्ष किए जाने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि हम आपकी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। और हम हैं... चुनावों से पहले खेल होगा। मैं आमने-सामने चर्चा के लिए तैयार हूं।’’BJP is looting people by regularly hiking LPG prices. Women have been hit the hardest & I’m disgusted at Centre’s lack of intent to cut taxes & lessen their burden. In protest, today I’ll be leading an all women michil at Siliguri.
REDUCE LPG PRICES NOW! #IndiaAgainstLPGLoot— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) March 7, 2021
इसे भी पढ़ें: महंगाई के खिलाफ ममता का रोड शो, कहा- बंगाल में तृणमूल रहेगी परिवर्तन तो दिल्ली में होगा
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मोदी को ‘‘झूठ बोलने की अपनी आदत पर शर्मिंदा होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह बंगला में भाषण देते हैं जबकि स्क्रिप्ट हमेशा गुजराती में लिखा होता है और उनके सामने पारदर्शी शीशे के अंदर रखा होता है। वह बहाना करते हैं कि वह अच्छी तरह बांग्ला जानते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपकी पार्टी ने विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी। आपकी पार्टी ने बिरसा मुंडा का अपमान किया। आपकी पार्टी ने गलत तरीके से कहा कि रबिंद्रनाथ टैगोर का जन्म शांतिनिकेतन में हुआ। यह बंगाल और इसकी संस्कृति के बारे में आपके ज्ञान की गहराई को दर्शाता है।’’ ‘‘दंगा भड़काने वाली भाजपा’’के खिलाफ लोगों से आवाज उठाने की अपील करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘बंगाल के लोग समुदाय और की बाधाओं से अलग शांति से रह रहे थे, जो राज्य में भगवा दल के सत्ता में आने के बाद काफी तनाव में रहेंगे।

