Purvottar Lok: पंजाब के अराजक तत्वों को भेजा गया Assam Jail, Arunachal में मिली Catfish, Meghalaya में पहली बार बिजली चालित रेलगाड़ियां

amritpal singh
ANI

हम आपको बता दें कि पंजाब पुलिस ने हाल में उत्तर भारतीय राज्य में खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के अध्यक्ष अमृतपाल सिंह के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की थी और उसके कई समर्थकों को गिरफ्तार किया था। उनमें से कई को असम जेल भेजा गया है।

नमस्कार, प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। इस सप्ताह असम इस मायने में चर्चा रहा क्योंकि पंजाब से पकड़े गये अराजक तत्वों को असम जेल में भेज दिया गया तो दूसरी ओर मणिपुर जल संरक्षण की दिशा में बड़ी पहल कर रहा है तो वहीं नगालैंड में नगा मुद्दों के समाधान की मांग जोर पकड़ रही है तो दूसरी ओर मेघालय चारकोल की कालाबाजारी करने वालों पर नकेल कसने जा रहा है। बहरहाल, आइये एक नजर डालते हैं पूर्वोत्तर भारत से इस सप्ताह की बड़ी खबरों पर। सबसे पहले बात करते हैं असम की।

असम

कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के चाचा सहित उसके सात सहयोगियों को असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार लाए जाने के बाद जेल की बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जिले के उपायुक्त विश्वजीत पेगू ने यह जानकारी दी। हम आपको बता दें कि पंजाब पुलिस ने हाल में उत्तर भारतीय राज्य में खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के अध्यक्ष अमृतपाल सिंह के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की थी और उसके कई समर्थकों को गिरफ्तार किया था। पेगू ने संवाददाताओं से कहा कि 19 मार्च को पंजाब पुलिस द्वारा शुरुआत में संगठन के चार सदस्यों को लाए जाने के बाद से ही जेल के आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हिरासत में लिए गए अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह सहित उसके तीन और सहयोगियों को पंजाब पुलिस गृह राज्य से करीब 2500 किलोमीटर दूर असम लेकर आई। उन्होंने बताया, ‘‘आज के दिन तक डिब्रू्गढ़ जेल में वारिस पंजाब दे के सात सदस्य कैद हैं। उन्हें उच्च सुरक्षा वाली कोठरियों में रखा गया है। अन्य कैदियों के मुकाबले एनएसए के तहत कैदियों के लिए अलग सुरक्षा व्यवस्था होती है।’’ जेल के सूत्रों ने बताया कि असम पुलिस के पैंथर कमाडो को जेल की बाहरी सुरक्षा में तैनात किया गया है जबकि आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), असम पुलिस और जेल प्रहरियों को दी गई। उन्होंने बताया कि जेल के पूरे सुरक्षा दीवार पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

इसके अलावा, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ‘गज उत्सव’ के मद्देनजर जीप और हाथी सफारी छह अप्रैल से दो दिनों के लिए पर्यटकों के लिए बंद रहेगी। ‘गज उत्सव’ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाग लेने की संभावना है। पूर्वी असम के वन्यजीव प्रभागीय वन अधिकारी रमेश गोगोई ने कहा कि दो दिवसीय ‘गज उत्सव-2023’ छह अप्रैल से शुरू होगा और छह-सात अप्रैल को जीप और हाथी सफारी बंद रहेगी। उन्होंने कहा कि कोहोरा, बागोरी, बुरापहाड़ और अगोराटोली समेत राष्ट्रीय उद्यान के सभी रेंज में सफारी बंद रहेगी। हम आपको बता दें कि राष्ट्रपति छह अप्रैल को गुवाहाटी पहुंचेंगी और दोनों दिन उत्सव में शामिल होंगी। यह पार्क एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है।

इसके अलावा, असम की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) का कांग्रेस में विलय हो गया है। भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के पूर्व संयोजक प्रद्योत बोरा ने एलडीपी का गठन किया था। बोरा अन्य एलडीपी सदस्यों के साथ कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन बोरा और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी में शामिल हुए। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे प्रद्योत ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी एलडीपी ने कांग्रेस में विलय का फैसला किया है।'' उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के ज्यादातर सदस्यों का मानना है कि देश में नफरत और असत्य के माहौल को बदलने के लिए भारत को एकजुट विपक्ष की जरूरत है। मैं उनके सामूहिक निर्णय के आगे सिर झुकाता हूं। हम आपको बता दें कि प्रद्योत बोरा भाजपा के आईटी सेल के संस्थापक संयोजक थे। उन्होंने पार्टी की कथित केंद्रीकृत कार्यशैली के विरोध में 2015 में भाजपा छोड़ दी थी और एलडीपी का गठन किया था।

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि कर्मचारियों को पुरानी और नयी पेंशन योजनाओं के बीच अंतर राशि का भुगतान करने पर विचार करेगी। निजी सदस्यों के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि सटीक पेंशन संरचना का पता 2035 के बाद ही चलेगा, जब कर्मचारियों का पहला समूह 2005 से अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अभी हम जो भी चर्चा कर रहे हैं वह उन लोगों के आधार पर है जिनकी सेवाएं 2005 के बाद नियमित हुईं और वे उम्र के कारण पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की सही तस्वीर के रूप में नहीं लिया जा सकता है।’’

इसके अलावा, असम सरकार ने कहा है कि कुल मिलाकर 2013, 2015 और 2016 बैच के कुल 57 राज्य सिविल सेवकों को ‘‘नौकरी के लिए नकद’’ घोटाले के लिए गिरफ्तार किया गया है और सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि तीन अन्य सरकारी गवाह बन गए हैं। कांग्रेस विधायक भरत चंद्र नारा के एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि उन 60 लोगों को जांच के दायरे में लाया गया है, जिन्होंने उन तीन वर्षों में असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों में से 57 को ‘‘एपीएससी नौकरी के लिए नकद घोटाले’’ में गिरफ्तार किया गया और सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया।

इसके अलावा, गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के वृत्तचित्र को असम विधानसभा में प्रदर्शित किए जाने की विपक्ष की मांग के बीच सदन ने बीबीसी के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में बीबीसी के वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के माध्यम से ‘‘दुर्भावनापूर्ण और खतरनाक’’ एजेंडे के प्रचार के लिए प्रसारणकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने विधानसभा में कहा कि धुबरी जिले से लगी भारत-बांग्लादेश सीमा पशु तस्करी सहित ‘कई तरह की आपराधिक गतिविधियों का गढ़ है’ और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को इसे नियंत्रित करने के लिए क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखनी होती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को कई बार सीमा क्षेत्र में उच्च सुरक्षा के कारण ‘कठिनाइयों’ का सामना करना पड़ सकता है, हालांकि राज्य सरकार बीएसएफ के साथ उचित परामर्श के बाद उन मुद्दों का समाधान कर सकती है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और राज्य के मंत्रियों के दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक और प्रधानमंत्री संग्रहालय का दौरा करने की सराहना की है। कटारिया के ट्वीट को टैग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया जी, मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा जी और असम सरकार के मंत्रियों द्वारा दिल्ली में तीन प्रतिष्ठित स्थानों- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक और प्रधानमंत्री संग्रहालय का दौरा करने का बेहतरीन कदम।”

इसे भी पढ़ें: Purvottar Lok: Assam में नया बजट और पेपर लीक सुर्खियों में रहे, Arunachal में सेना का हेलीकाप्टर क्रैश, Tripura में प्रतिमा भौमिक का विधानसभा से इस्तीफा

अरुणाचल प्रदेश

उधर, अरुणाचल प्रदेश से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के वैज्ञानिकों ने अरुणाचल प्रदेश में कैटफिश की एक नयी प्रजाति की खोज की है। एक विज्ञप्ति के मुताबिक, कैटफिश की नयी प्रजाति का नाम जेडएसआई की पहली महिला निदेशक धृति बनर्जी के नाम पर ‘एक्सोस्टोमा धृतिया’ रखा गया है, जो जीवों पर शोध में उनके योगदान के प्रति सम्मान दर्शाता है। विज्ञप्ति के अनुसार, नयी प्रजाति अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी की एक सहायक नदी सिकिंग धारा में पाई गई। हम आपको बता दें कि कैटफिश इन पहाड़ियों की धाराओं में पाई जाने वाली एक छोटी मछली है। स्थानीय आदिवासी इसे ‘नोरंग’ कहते हैं।

मिजोरम

उधर, मिजोरम से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक अप्रैल को आइजोल के पास जोखवासंग में असम राइफल्स बटालियन मुख्यालय का उद्घाटन करने के लिए राज्य का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि अमित शाह अपनी यात्रा के दौरान शहर में लालडेंगा सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला भी रखेंगे। हम आपको बता दें कि मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के संस्थापक लालडेंगा 1987 में मिजोरम को राज्य का दर्जा प्राप्त मिलने के बाद पहले मुख्यमंत्री बने थे। प्रस्तावित लालडेंगा सांस्कृतिक केंद्र 1.93 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जाएगा।

इसके अलावा, मिजोरम के उपमुख्यमंत्री तानलुइया ने कहा है कि राज्य में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 30 से अधिक परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। तानलुइया के पास लोक स्वास्थ्य अभियंता तथा शहरी विकास और गरीबी उन्मूलन (यूडीपीए) विभाग भी है। उन्होंने आइजोल के जरकॉ क्षेत्र में एक बहुद्देशीय परिसर की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण कई स्मार्ट सिटी मिशन परियोजनाओं में देरी हुई है।

इसके अलावा, मिजोरम और असम में भारी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किए गए और इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों के मुताबिक जब्त मादक पदार्थों की कीमत 400 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। हम आपको बता दें कि पूर्वी मिजोरम में म्यांमा की सीमा के पास चाम्फाई शहर में एक घर से नशीली दवाइयां की 39 लाख गोलियां जब्त की गयीं, जिनकी कीमत 390.40 करोड़ रुपये बताई जा रही है। राज्य में मादक पदार्थों के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

मेघालय

उधर, मेघालय से आई खबरों के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने विधानसभा में कहा है कि राज्य सरकार राज्य में कोयले (चारकोल) के अवैध परिवहन की जांच के लिए गंभीर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए मेघालय चारकोल (उत्पादन, भंडारण, व्यापार और परिवहन का नियंत्रण) नियम, 2008 को 2019 में संशोधित किया गया है। हम आपको बता दें कि नए नियमों के तहत, लकड़ी के कोयले के उत्पादकों और भंडारणकर्ताओं को पंजीकरण के लिए संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी को आवेदन करना आवश्यक है और ऐसे पंजीकरण का नवीनीकरण एक वर्ष की अवधि के बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पूर्व अनुमोदन से किया जा सकता है।

इसके अलावा, मेघालय उच्च न्यायालय ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) से पूर्वोत्तर राज्य में कोयले के अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए अपनी तैयारी बताने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी के नेतृत्व वाली उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने यह निर्देश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। अदालत ने कहा, ‘‘मामला तीन सप्ताह बाद पेश किया जाए ताकि सीआईएसएफ अपनी तैयारी के बारे में बता सके।’’ मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।

इसके अलावा, असम के अपने समकक्ष के दावे को खारिज करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने विधानसभा में कहा है कि विवादित अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित मुकरोह गांव मेघालय का हिस्सा है, जहां पिछले साल हिंसक संघर्ष में छह लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा कि मुकरोह के निवासी उनके नेतृत्व वाली सरकार की कई योजनाओं के लाभार्थी हैं। संगमा का बयान ऐसे वक्त आया है जब कुछ सप्ताह पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने विधानसभा में कहा था कि मुकरोह उनके राज्य का हिस्सा है। संगमा ने विधानसभा को बताया, ‘‘मैंने स्पष्ट कहा है कि मुकरोह मेघालय का हिस्सा है। तथ्य और आंकड़े यही दर्शाते हैं। अन्य बयान दे सकते हैं लेकिन हमार रुख स्पष्ट है।’’

इसके अलावा, मेघालय में विपक्षी वॉयस ऑफ पीपल पार्टी (वीपीपी) के विधायकों ने सदन में राज्यपाल फागू चौहान के हिंदी में अभिभाषण देने के विरोध में सोमवार को वॉकआउट किया। विधानसभा अध्यक्ष थॉमस ए संगमा और मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राज्यपाल का अनुवाद किया हुआ अभिभाषण वितरित किया गया है क्योंकि अंग्रेजी में उनके पढ़ने की कुछ सीमाएं हैं। हालांकि, वीपीपी के अध्यक्ष आर्डेंट बसईऑवमोइत और तीन अन्य पार्टी विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। आर्डेंट ने विधानसभा में कहा, ‘‘हमें हिंदीभाषी राज्यपाल भेजे जाते हैं। वे क्या कह रहे हैं, हमें समझ नहीं आया, इसलिए हम वॉकआउट कर रहे हैं।’’ विपक्षी विधायकों ने जोर देते हुए कहा कि मेघालय विधानसभा की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है।

इसके अलावा, दो अहम रेल मार्गों के विद्युतीकरण के साथ ही पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में पहली बार बिजली चालित रेलगाड़ियां चलेंगी। रेलवे ने एक बयान में यह जानकारी दी है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने दुधनाई-मेंदीपथार के बीच 22.823 किलोमीटर के रेलमार्ग और अभयपुरी-पंचरत्न के बीच 34.59 किलोमीटर के रेलमार्ग को 15 मार्च को चालू करके यह उपलब्धि हासिल की है। रेलवे ने एक बयान में कहा कि अभी मेंदिपठार मेघालय में इकलौता रेलवे स्टेशन है जो 2014 के बाद से चालू है। प्रधानमंत्री ने इस स्टेशन का उद्घाटन किया था। बयान में कहा गया है, ‘‘इन मार्गों से अधिक से अधिक यात्री और मालवाहक रेलगाड़ियां संचालित हो सकेंगी। इस मार्ग पर रेलगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाए जाने से समय की भी बचत होगी। दूसरे राज्यों के विद्युत इंजन द्वारा खींची जाने वाली पार्सल और मालवाहक रेलगाड़ियां अब सीधे मेघालय पहुंच सकेंगी।’’

त्रिपुरा

उधर, त्रिपुरा से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बताया है कि केंद्र ने पाइपलाइन से घर-घर पेयजल पहुंचाने की योजना ‘जल जीवन मिशन’ के तहत राज्य को दो हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। माणिक साहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को योजना लागू करने के लिए दो हजार करोड़ आवंटित करने के लिए धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में पूर्वोत्तर के इस राज्य के 56 प्रतिशत घरों में पाइप से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है और सरकार की योजना यह सुविधा सभी घरों तक पहुंचाने की है।

इसके अलावा, त्रिपुरा के दक्षिण जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक गांव में वन विभाग द्वारा विकसित एक तितली पार्क अब देश के विभिन्न हिस्सों और बांग्लादेश के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है। तृष्णा वन्यजीव अभयारण्य के करीब छोटाखोला स्थित तितली इकोपार्क पूर्वोत्तर का पहला तितली पार्क है। इसका उद्घाटन वर्ष 2016 में 5.5 हेक्टेयर भूमि पर तितलियों की 250 प्रजातियों के साथ किया गया था। 

नगालैंड

उधर, नगालैंड से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि केंद्र के साथ संघर्ष विराम समझौता कर चुके नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह रूपरेखा समझौते को आगे बढ़ाने के लिए गंभीर नहीं है, जिससे नगा शांति प्रक्रिया ‘बेतुकी’ हो गयी है। संगठन के अध्यक्ष क्यू तुक्कू ने हेब्रॉन में अपने मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘केंद्र-एनएससीएन (आईएम) वार्ता में कोई गंभीरता नहीं है और कथनी-करनी में अंतर है।’’ उन्होंने कहा कि इससे संगठन को यह आशंका लगती है कि केंद्र सरकार अपने पूरे तंत्र के साथ नगा लोगों पर गुपचुप हमला बोलने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि शांति वार्ता को केंद्र संभाल रहा है, उसके बावजूद एनएससीएन-आईएम ने पूरी प्रतिबद्धता और दृढ़संकल्प के साथ वार्ता को आगे बढ़ाया है।

इसके अलावा, सत्तारुढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) के उम्मीदवार शेरिंगेन लोंगकुमेर को सर्वसम्मति से नगालैंड विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया है। लोंगकुमेर ने 27 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के उम्मीदवार के रूप में दूसरी बार मोकोकचुंग जिले के औनलेंग्डेन निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। अध्यक्ष पद के लिए लोंगकुमेर को छोड़कर किसी अन्य विधायक ने नामांकन दाखिल नहीं किया था।

मणिपुर

मणिपुर से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि राज्य में जारी जल संकट के लिए जल संरक्षण समय की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि कम बारिश की वजह से राज्य की कई नदियों के सूखने की वजह से मणिपुर गंभीर जल संकट से जूझ रहा है। राज्य स्तरीय जागरूकता अभियान को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी लोगों को पानी मुहैया कराने की कोशिश कर रही है ताकि जल संकट का सामना कर रहे लोगों की परेशानी को कम किया जा सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही चिंगखेई चिंग जलाशय से पाइप के जरिये पानी की आपूर्ति शुरू कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने लोकटक झील के पानी का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़