मकर संक्रांति पर प्रयागराज में तीन लाख लोगों ने लगाई गंगा में डुबकी
उत्तर प्रदेश केमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड के खतरे को देखते हुए प्रदेश वासियों से अपील की है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनो खुराक ले रखी है और पूर्ण स्वस्थ्य हैं, वे ही माघ मेला में स्नान करने आएं। उन्होने प्रयागराज प्रशासन से कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कराने का निर्देश दिया है।
उत्तर प्रदेश केमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड के खतरे को देखते हुए प्रदेश वासियों से अपील की है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनो खुराक ले रखी है और पूर्ण स्वस्थ्य हैं, वे ही माघ मेला में स्नान करने आएं। उन्होने प्रयागराज प्रशासन से कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कराने का निर्देश दिया है। मेला क्षेत्र में देश के कोने कोने से आने वाली भीड़ के बीच कोविड नियमों का पालन कराना मेला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। ड्यूटी में आए कई पुलिसकर्मी मेला शुरू होने से पहले ही कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। मेला क्षेत्र में कल्पवासियों का आना शुरू हो गया है और माघी पूर्णिमा तक इनके पूरी तरह से बसने की संभावना है। कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालु सिर पर गठरी रखे हुए स्नान घाट पर पहुंच रहे हैं। वहीं विभिन्न साधु संतों के शिविर भी लगने शुरू हो गए हैं। हर वर्ष माघ मेला में शिविर लगाने वाले स्वामी अधोक्षजानंद ने मकर संक्रांति के महत्व के बारे में कहा, ज्योतिष की गणना में जो कालचक्र संचालित होता है, उसमें एक साल में सूर्य 12 राशियों में घूमता है और लगभग एक महीना प्रत्येक राशि में रहता है। उन्होंने कहा कि मकर राशि का अत्यधिक महत्व है। जब सूर्य मकर राशि में आते हैं, वह विश्व का उत्तम समय होता है क्योंकि यह उत्तरायण काल कहलाता है। सूर्य छह माह दक्षिणायन रहते हैं और छह माह उत्तरायण रहते हैं।Uttar Pradesh: Devotees take a holy dip in Triveni Sangam on the festival of Makar Sankranti in Prayagraj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 14, 2022
Keeping the Covid situation in mind, police forces have been deployed near the ghats to ensure Covid appropriate behaviour is followed: Rajeev Narain Mishra, SP Mela pic.twitter.com/jU8IIah86s
उत्तरायण का प्रारंभ मकर संक्रांति से होता है। यह हर कार्य के लिए शुभ माना जाता है। मेला सकुशल संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन पहले ही घोषणा कर चुका है कि मेला क्षेत्र में आने वाले के लिए 48 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट रखना अनिवार्य होगा। लोगों के लिए वैक्सीन की दोनो डोज का सर्टिफिकेट लेकर आने का नियम बनाया गया है और लोगों को मास्क लगाकर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है। मेला प्रशासन ने मेला क्षेत्र को पांच सेक्टरों में विभाजित किया है। इन सभी सेक्टरों में 3200 से अधिक संस्थाओं तथा शिविरों में निवास करने वाले लोगों को मेला क्षेत्र में 12 स्नान घाटों तक सुगमतापूर्वक आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पांच पंटून पुलों को तैयार किया गया है। मेला क्षेत्र में आने वाले कल्पवासियों, श्रद्धालुओं एवं साधु-संतो को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 50 बेड के दो अस्पताल -गंगा एवं त्रिवेणी, 12 स्वास्थ्य शिविर एवं 10 उपचार केन्द्र तैयार किए गये हैं।
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