पंचप्राण से नारी शक्ति: आजादी के 75 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने रखी अगले दशक की नींव

PM Modi
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अभिनय आकाश । Aug 15 2022 11:05AM

पीएम मोदी ने अपनी पीड़ा भी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है कि हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम स्वभाव से, संस्कार से रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं।

भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लगातार नौवीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। अपने 83 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री ने देश के भूले हुए नायकों, पंचप्राण, नारी शक्ति, भ्रष्टाचार और पारिवारिक वंश के अलावा अन्य बातों के बारे में बात की। अमृत महोत्सव के दौरान  देशवासियों ने देश के हर कोने में लक्ष्यावधि कार्यक्रम किये। शायद इतिहास में इतना विशाल, व्यापक, लंबा एक ही मकसद का उत्सव मनाया गया हो। 

भूले-बिसरे नायकों का सम्मान करते पीएम

प्रधानमंत्री ने देश की आजादी में भूमिका निभाने वाले भूले-बिसरे नायकों को सम्मानित करने के साथ शुरुआत की और रानी लक्ष्मी बाई और बेगम हजरत महल सहित महिलाओं की ताकत और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद किया और कहा कि राष्ट्र उनका आभारी है। उन्होंने यह भी कहा कि राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, वीर सावरकर और अन्य राष्ट्र निर्माता थे। पीएम ने कहा, "नागरिक महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब अंबेडकर और वीर सावरकर के आभारी हैं जिन्होंने कर्तव्य के रास्ते पर अपनी जान दे दी।"

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भारत लोकतंत्र की जननी है: पीएम मोदी

यह कहते हुए कि भारत लोकतंत्र की जननी है और विविधता इसकी ताकत है। पीएम मोदी ने कहा, "आजादी के बाद चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारतीय नागरिकों के उत्साह में कुछ भी बाधा नहीं डाल सकता है। इस मिट्टी में शक्ति है; कई चुनौतियों के बावजूद, भारत नहीं रुका, नहीं झुके और आगे बढ़ते रहे। हमारे देश ने साबित कर दिया है कि हमारी विविधता से आने वाली ताकत हमारे पास है, देशभक्ति का सामान्य धागा भारत को अडिग बनाता है। मैंने कतार में अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाने के महात्मा गांधी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया है।"

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बंद हो नारी का अपमान

पीएम मोदी ने अपनी पीड़ा भी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है कि हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम स्वभाव से, संस्कार से रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं। नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है। गांव के क्षेत्र में भी बेटे-बेटियां कॉमन सर्विस सेंटर चला रही है. देश गर्व कर सकता है कि गांव के क्षेत्र में 4 लाख डिजिटल आंत्रप्रेन्योर तैयार हुआ है। हम वो लोग हैं जो जीव में शिव देखते हैं, नर में नारायण देखते हैं जो नारी को नारायणी कहते हैं। 

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