कृषि कानूनों को वापस लेने पर झारखंड के मंत्री ने कहा, आखिरकार देश में लोकतंत्र की जीत हुई

Jharkhand

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर झारखंड के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने शनिवार को कहा कि आखिरकार देश के लोकतंत्र की जीत हुई है और करोड़ों किसानों को न्याय मिला है।

देवघर (झारखंड)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर झारखंड के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने शनिवार को कहा कि आखिरकार देश के लोकतंत्र की जीत हुई है और करोड़ों किसानों को न्याय मिला है। पत्रलेख ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र को भूमि अधिग्रहण विधेयक की तरह इन कानूनों को वापस लेना पड़ा।

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उन्होंने कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री के फैसले को ‘‘राजनीतिक हथकंडा’’ बताया। झारखंड के मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘सबसे पहले इन कानूनों को लोकतंत्र की हत्या करते हुए सदन में बिना बहस कराए, बिना किसानों की राय लिए पारित किया गया।

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कृषि राज्य का विषय है इसके बावजूद विधानसभाओं या विधान परिषदों में भी चर्चाएं नहीं कराई गईं, संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।’’ उन्होंने दावा किया कि अगले वर्ष कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की गई। पत्रलेख ने कहा कि कुछ राज्यों के उपचुनाव में भाजपा की हार के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने यह फैसला किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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