एक देश एक चुनाव पर बोले देवगौड़ा, इससे मतदाताओं में भ्रम उत्पन्न करेगा
जदएस प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने कहा कि कुछ लोग हैं जिन्होंने इसका स्वागत किया और कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने नहीं किया।
बेंगलुरू। पूर्व प्रधानमंत्री एवं जदएस प्रमुख एच डी देवगौड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक देश, एक चुनाव- लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराना, मतदाताओं में भ्रम उत्पन्न करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस विचार पर आम सहमति बनाने के लिए नयी दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक बुलाने के एक दिन बाद देवगौड़ा ने कहा कि इसको लेकर मेरी अपनी आशंकाएं हैं। मेरा मानना है कि हम इतने उन्नत नहीं हैं। बैठक के बाद यह घोषणा की गई कि एक देश, एक चुनाव पर ‘समयबद्ध’ सुझाव देने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा एक समिति का गठन किया जाएगा।
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देवगौड़ा ने कहा कि कुछ लोग हैं जिन्होंने इसका स्वागत किया और कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने नहीं किया। ईमानदारी से कहें। एकमात्र बात यह है कि यहां एक मतदान केंद्र है और विधानसभा चुनाव के लिए दूसरा मतदान केंद्र उस ओर है। एक भ्रम की स्थिति होगी। यह एक प्रतिकूल स्थिति है जिसको लेकर मैं थोड़ा चिंतित हूं। उन्होंने कहा कि मतदाताओं का मार्गदर्शन करने के लिए कोई होगा, जो केवल चुनाव आयोग कर सकता है, राजनीतिक एजेंट, नहीं क्योंकि उन्हें इजाजत नहीं है।
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देवगौड़ा ने कहा कि जब चुनाव मतपत्र से होते हैं, अधिकारी मतदाताओं को अलग अलग मतपत्र देते हैं यदि चुनाव लोकसभा और राज्य विधानसभा के लिए एकसाथ होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया मतदाताओं में संदेह दूर करती थी। देवगौड़ा ने कहा कि यद्यपि अब चुनाव ईवीएम से होते हैं, यदि एकसाथ चुनाव हुए तो समस्या होगी। उल्लेखनीय है कि देवगौड़ा की पार्टी कर्नाटक में कांग्रेस के साथ गठबंधन में सत्ता में है।
Presidents of various parties had extensive discussions on:
— Narendra Modi (@narendramodi) June 19, 2019
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One Country, One Election.
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Marking Bapu’s 150th Jayanti.
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