अपमानजनक टिप्पणियों का दर्द केवल महिलाएं और शूद्र ही समझ सकते हैं : मौर्य
मौर्य ने ट्वीट किया कि ‘‘इंडियंस आर डाग’’ कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान व बदसलूकी ट्रेन में (महात्मा) गांधी जी के साथ किया था, वह दर्द उन्होंने ही समझा था।उसी प्रकार धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं व शुद्र समाज के लिये की जाती हैं उसका दर्द भी वहीं समझते हैं।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने बृहस्पतिवार को कहा कि धर्म की आड़ में उनके लिए की गई अपमानजनक टिप्पणियों का दर्द केवल महिलाएं और शूद्र ही समझ सकते हैं। श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी कर चर्चा में आये मौर्य ने महात्मा गांधी के साथ महिलाओं और ‘शूद्र’ के दर्द की तुलना की, जिन्होंने ट्रेन में अंग्रेजों द्वारा ‘‘भारतीय कुत्ते हैं’’ जैसी टिप्पणी का सामना किया था। मौर्य ने ट्वीट किया कि ‘‘इंडियंस आर डाग’’ कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान व बदसलूकी ट्रेन में (महात्मा) गांधी जी के साथ किया था, वह दर्द उन्होंने ही समझा था।उसी प्रकार धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं व शुद्र समाज के लिये की जाती हैं उसका दर्द भी वहीं समझते हैं।’’
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गौरतलब है कि सपा के विधान परिषद के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को कहा था कि श्रीरामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से वह धर्म नहीं है, यह अधर्म है। मौर्य ने कहा था,‘‘श्रीरामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और कुम्हार जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है, जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं।’’ मौर्य ने मांग की थी कि पुस्तक के ऐसे हिस्से पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए जो किसी की जाति या ऐसे किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं।
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