Prabhasakshi NewsRoom: Ladakh में Shyok Tunnel खुल जाने से भारत की सामरिक ताकत और कनेक्टिविटी में इजाफा

Rajnath Singh
ANI

हम आपको बता दें कि 920 मीटर लंबी यह कट-एंड-कवर टनल ऐसे इलाके में बनाई गई है जहाँ मौसम, भूगोल और ऊँचाई, सब कुछ निर्माण को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। भारी बर्फबारी, एवलांच और अत्यधिक तापमान के कारण यह क्षेत्र हर वर्ष लंबे समय तक कट जाता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को लद्दाख और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइज़ेशन (BRO) की 125 महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें पूर्वी लद्दाख की दुर्बुक–श्योक–दौलत बेग ओल्डी (DS-DBO) रोड पर स्थित सामरिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण श्योक टनल भी शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में शहीद हुए भारतीय जवानों को सम्मान देने के लिए गलवान वॉर मेमोरियल का भी वर्चुअल उद्घाटन किया।

हम आपको बता दें कि 920 मीटर लंबी यह कट-एंड-कवर टनल ऐसे इलाके में बनाई गई है जहाँ मौसम, भूगोल और ऊँचाई, सब कुछ निर्माण को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। भारी बर्फबारी, एवलांच और अत्यधिक तापमान के कारण यह क्षेत्र हर वर्ष लंबे समय तक कट जाता है। ऐसे में यह टनल LAC के आसपास भारतीय सेना की त्वरित तैनाती, पुन: तैनाती और लॉजिस्टिक सपोर्ट को पूरी तरह बदल देने की क्षमता रखती है। सेना को अब हमेशा एयर मेंटेनेंस पर निर्भर नहीं रहना होगा और सर्दियों में भी सैनिकों, ईंधन, हथियार और मशीनरी की आवाजाही निर्बाध रह सकेगी।

इसे भी पढ़ें: नेहरू की विरासत को नष्ट करने की साजिश! Sonia Gandhi का BJP पर तीखा हमला, इतिहास बदलने का लगाया आरोप

रक्षा मंत्री ने इसे दुनिया के सबसे कठिन इलाकों में बनी इंजीनियरिंग की मिसाल बताया और कहा कि इससे न केवल सामरिक सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक जीवन और बुनियादी विकास में भी तेजी आएगी। BRO के 125 प्रोजेक्ट में 28 सड़कें, 93 पुल और अन्य चार परियोजनाएँ शामिल हैं जोकि कुल 5,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरे हुए हैं और लद्दाख, जम्मू-कश्मीर तथा सात राज्यों में फैले हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये परियोजनाएँ दूरदराज़ गांवों और अग्रिम सैन्य चौकियों तक लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मजबूत बनाएँगी।

राजनाथ सिंह ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि हाल ही में हुई ऑपरेशन सिंदूर जैसी सफल सैन्य कार्रवाइयों में मजबूत सीमा अवसंरचना ने निर्णायक भूमिका निभाई। बेहतर कनेक्टिविटी ने समय पर लॉजिस्टिक सपोर्ट संभव किया और यही कारण था कि सेना ने मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि सड़कें, टनलें, स्मार्ट फेंसिंग, इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर और आधुनिक निगरानी प्रणाली, ये सब आज भारत की सुरक्षा का आधार हैं, सुरक्षा से अलग-थलग कोई घटक नहीं।

इस अवसर पर BRO के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने कहा कि BRO अब गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों की पसंदीदा एजेंसी बन चुका है। 2024-25 में BRO ने रिकॉर्ड 16,690 करोड़ का काम पूरा किया है और अगले वित्त वर्ष के लिए यह लक्ष्य 18,700 करोड़ रखा गया है।

देखा जाये तो भारत की उत्तरी सीमाएँ, खासकर पूर्वी लद्दाख पिछले चार वर्षों से बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के केंद्र में रहा है। 2020 से 2024 तक भारत और चीन के बीच तनातनी, कई दौर की सैन्य वार्ताएँ और आखिरकार चरणबद्ध डिसइंगेजमेंट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आधुनिक युद्ध केवल सैनिकों की बहादुरी से नहीं, बल्कि मजबूत अवसंरचना और कनेक्टिविटी से भी लड़ा जाता है। ऐसे समय में श्योक टनल और अन्य 124 BRO परियोजनाएँ केवल निर्माण कार्य नहीं, बल्कि रणनीतिक संदेश हैं कि भारत अपनी सीमाओं पर निर्भीक, तैयार और तकनीकी रूप से सक्षम खड़ा है।

हम आपको बता दें कि श्योक टनल को सामरिक रूप से कई कारण महत्वपूर्ण बनाते हैं। इसके बन जाने से ऑल-वेदर कनेक्टिविटी हो गयी है। यानि सर्दियों में जब पूरा इलाका बर्फ से ढक जाता है, तब भी सैन्य काफिले निर्बाध रूप से चल पाएँगे। साथ ही तेजी से सैनिकों की तैनाती हो सकेगी। दरअसल DS-DBO रोड भारत के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक तक पहुँचती है, जहाँ तैनाती में हर मिनट का महत्व होता है। इसके अलावा, लॉजिस्टिक लागत में कमी आयेगी। दरअसल एयर मेंटेनेंस अत्यंत महँगा और मौसम पर निर्भर रहता है। टनल इसे काफी हद तक हल करेगी।

बहरहाल, ये प्रोजेक्ट सिर्फ सेना के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय समुदायों, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों के लिए भी नए अवसर खोलते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में जब लोग खुद को विकास से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं, तभी बाहरी प्रभावों को कमज़ोर किया जा सकता है। यह सुरक्षा का एक सामाजिक पहलू भी जोड़ता है कि सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि विश्वास और विकास भी सीमा सुरक्षा के महत्वपूर्ण घटक हैं। इस तरह, BRO के नए प्रोजेक्ट सिर्फ सड़कें और पुल नहीं, बल्कि एक व्यापक राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा हैं। जो भारत को अपनी उत्तरी सीमाओं पर मजबूत, स्थिर और आधुनिक बनाते हुए 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करती है।

All the updates here:

अन्य न्यूज़