विपक्ष ने रेल आधुनिकीकरण की बात को दुष्प्रचार बताया, भाजपा बोली: आज रेल देश का अभिमान है

सुरेश न कहा कि रेल मंत्री को भर्ती की व्यवस्था के बारे में सदन के सामने उचित जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह दावा भी किया कि रेल मंत्रालय की ओर से केरल की उपेक्षा की गई है। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में रेलवे की स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन 2014 के बाद इसकी स्थिति में लगातार सुधार हुआ है।
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सुरेश न कहा कि रेल मंत्री को भर्ती की व्यवस्था के बारे में सदन के सामने उचित जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह दावा भी किया कि रेल मंत्रालय की ओर से केरल की उपेक्षा की गई है। चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में रेलवे की स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन 2014 के बाद इसकी स्थिति में लगातार सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘साधारण यात्री को अच्छी सुविधाएं मिलें और ज्यादा किराया भी नहीं देना पड़े, हमारी सरकार ने इसकी व्यवस्था की है।’’ राठौर ने संप्रग सरकार के समय रेलवे में हुए काम और मौजूदा सरकार में हुए कामों की तुलना करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के 60 साल के शासन में रेलवे पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उनका कहना था कि मोदी सरकार ने रेलवे का चेहरा बदला है। राठौर ने कहा कि कोविड के समय रेलवे ने करोड़ों लोगों को उनके गंतव्य स्थलों तक पहुंचाया जो अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि आज रेलवे सिर्फ परिवहन का साधन नहीं, पूरा हिंदुस्तान है और यह देश का अभिमान है। द्रमुक नेता कनिमोई ने कहा कि सरकार रेलवे के निजीकरण की ओर बढ़ रही है, लेकिन उसे ध्यान रखना चाहिए कि दिल्ली में एयरपोर्ट मेट्रो की परियोजना से एक निजी समूह किस तरह से बीच में छोड़कर अलग हो गया था। उन्होंने कहा कि रेलवे में लाखों पद रिक्त हैं, लेकिन सरकार इसे भर नहीं पाई।
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उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और सिर्फ मुनाफे पर ध्यान नहीं देना चाहिए। कनिमोई ने रेल परियोजनाओं के संदर्भ में दक्षिण भारत की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह सरकार हर चीज में एक राष्ट्र की बात करती है तो रेलवे में भी ऐसा करना चाहिए।’’ तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी रॉय ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि निजी हाथों में सौंपने से कौन सा चमत्कार हो जाएगा कि रेलवे मुनाफे में चली जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी इकाइयों के निजीकरण से आम लोगों को क्या फायदा होता है, इसका कोई आंकड़ा नहीं है। शताब्दी रॉय ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि रेलवे में निजी निवेश से आम लोगों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के भीतर सुरक्षा, भोजन की गुणवत्ता और साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की चिंता अनुराधा ने कहा कि सरकार को आंध्र प्रदेश में रेलवे परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए। शिवसेना के गजानन कीर्तिकर ने कहा कि लोकल ट्रेन देश की वित्तीय राजधानी मुंबई की जीवनरेखा है और ऐसे में सरकार को इस पर पूरा ध्यान देनी चाहिए।
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