12 सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी सदस्यों का विरोध प्रदर्शन, मोदी सरकार के खिलाफ लगाए नारे

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राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी सदस्यों ने संसद परिषद में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने मोदी सरकार हाय हाय के नारे लगाए। इसके अलावा उनके पास तख्तियां भी थी।

कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए 12 राज्यसभा सदस्यों के निलंबन को लेकर एक बार फिर संसद परिषद में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों की मांग है कि सांसदों का निलंबन रद्द हो लेकिन भाजपा का कहना है कि निलंबित सदस्य जब तक क्षमा नहीं मांगते हैं तब तक उन्हें माफ नहीं किया जा सकता। 

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रद्द हो सांसदों का निलंबन

राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी सदस्यों ने संसद परिषद में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने मोदी सरकार हाय हाय के नारे लगाए। इसके अलावा उनके पास तख्तियां भी थी। जिसमें लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ जैसी बातें लिखी हुई थी।

वहीं सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि केंद्र को यह महसूस करना होगा कि इस देश में अन्य आवाजें सुनने लायक हैं। संसद बहस और चर्चा के लिए है, लोगों को अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति देनी होगी, तभी आप वास्तव में लोकतांत्रिक संसद चला सकते हैं।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर आग्रह कर किया कि वह निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार करें और निलंबन रद्द करें। यह कहना सही नहीं है कि निलंबन का प्रस्ताव सदन द्वारा पारित किया गया, क्योंकि संपूर्ण विपक्ष इसके विरोध में था। उन्होंने कहा कि निलंबन से पहले सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि संसद में जनता की बात उठाने के लिए माफी बिल्कुल नहीं मांगी जा सकती।

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क्षमा नहीं तो माफी नहीं

भाजपा ने 12 सदस्यों के निलंबन के फैसले को उचित ठहराते हुए साफ कर दिया कि ऐसी कार्रवाई तो जरूरी थी। वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका यह कहना कि निलंबित सदस्य किस बात की माफी मांगें, दर्शाता है कि वह सदन में महिला सुरक्षाकर्मियों पर हमले जैसे आचरण को जायज ठहरा रहे हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि राहु गांधी को यह क्यों नहीं लगता कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए या वह फिर उनके आचरण को जायज ठहरा रहे हैं ? दरअसल, राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि किस बात की माफ़ी ? संसद में जनता की बात उठाने की ? बिलकुल नहीं!

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