लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने झूठ फैलाया, जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा : Ajit Pawar

Ajit Pawar
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Prabhasakshi News Desk । Nov 6 2024 6:03PM

अजित पवार ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के घटक दलों को लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष द्वारा संविधान के संबंध में फैलाए गए झूठे विमर्श का खामियाजा भुगतना पड़ा। हालांकि, अजित ने कहा कि सरकार की जन-केंद्रित योजनाओं की वजह से महायुति के महाराष्ट्र में सत्ता में बने रहने के लिए अनुकूल माहौल है।

बारामती । महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के घटक दलों को लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष द्वारा संविधान के संबंध में फैलाए गए झूठे विमर्श का खामियाजा भुगतना पड़ा। हालांकि, अजित ने कहा कि सरकार की जन-केंद्रित योजनाओं की वजह से महायुति के महाराष्ट्र में सत्ता में बने रहने के लिए अनुकूल माहौल है, जबकि विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ऐसे वादे कर रहा है, जिन्हें वह पूरा नहीं कर सकता। उन्होंने विश्वास जताया कि वह बारामती विधानसभा सीट पर एक बार फिर जीत दर्ज करेंगे।

उपमुख्यमंत्री अपने गृह क्षेत्र बारामती में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का घोषणापत्र जारी करने के बाद बोल रहे थे। शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ महायुति गठबंधन में शामिल उनकी पार्टी (राकांपा) राज्य की 52 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है। राकांपा ने उन सभी सीट के लिए निर्वाचन क्षेत्र-विशिष्ट घोषणापत्र भी जारी किया है, जिन पर वह चुनाव लड़ रही है। अजित बारामती से फिर से किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि उनके चाचा शरद पवार की अगुवाई वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने इस सीट से युगेंद्र पवार को मैदान में उतारा है। युगेंद्र अजित पवार के भतीजे हैं।

अजित ने बारामती में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने एक झूठा विमर्श फैलाया कि संविधान को बदल दिया जाएगा, जो न तो संभव है और न ही कभी होगा। विपक्ष संविधान के बारे में एक झूठा विमर्श फैलाने में कामयाब रहा और हमें (महायुति को) लोकसभा चुनावों में इसकी कीमत चुकानी पड़ी। जब अजित से पूछा गया कि क्या महायुति द्वारा किए गए वादे पूरे करने योग्य हैं, तो उन्होंने कहा कि अधिकांश वादे पूरे किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा, हमें राज्य के राजस्व और संसाधनों में वृद्धि करनी होगी। जब हम बजट पेश करते हैं, तो हम यह देखने का प्रयास करते हैं कि हम गरीब और हाशिये पर पड़े वर्गों को प्रभावित किए बिना कहां बचत कर सकते हैं। अगर हम पैसा बचाएंगे, तो योजनाओं के लिए धन मिलेगा।

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