एक अप्रैल से अब तक सरकार ने राज्यों और UTs को दिए दो करोड़ से अधिक N95 मास्क और 11 हजार वेंटिलेटर

Make in India ventilators

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार इन वेंटिलेटरों को लगाने और चालू करने की कवायद भी सुनिश्चित कर रही है। इससे कोविड-19 आईसीयू केंद्रों में वेंटिलेटरों की उपलब्धता में कमी को दूर करने में भी मदद मिलेगी।

नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र ने एक अप्रैल से लेकर अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 2.02 करोड़ एन95 मास्क और 1.18 करोड़ से अधिक पीपीई किट की आपूर्ति की है। इसने कहा कि इसके अलावा विभिन्न राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को अब तक 11,300 ‘‘मेक इन इंडिया’’ वेंटिलेटरों की आपूर्ति की गई है। इनमें से 6,154 वेंटिलेटर विभिन्न अस्पतालों में पहले ही पहुंच चुके हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार इन वेंटिलेटरों को लगाने और चालू करने की कवायद भी सुनिश्चित कर रही है। इससे कोविड-19 आईसीयू केंद्रों में वेंटिलेटरों की उपलब्धता में कमी को दूर करने में भी मदद मिलेगी। 

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स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 1.02 लाख ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति भी कर रहा है जिनमें से 72,293 सिलेंडर ऑक्सीजन सुविधा युक्त बिस्तरों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 6.12 करोड़ से अधिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) की गोलियां भी उपलब्ध कराई गई हैं। बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ मिलकर कोविड-19 नियंत्रण, रोकथाम और प्रबंधन के लिए निरंतर काम कर रही है। इसमें कहा गया कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने में सरकार की केंद्रीय भूमिका रही है। 

मंत्रालय ने कहा ‘‘कोविड-19 सुविधाओं को मजबूत करने के साथ ही राज्य और केंद्रशासित सरकारों को उनके प्रयासों में सक्षम बनाने के लिए केंद्र नि:शुल्क चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध करा रहा है।’’ बयान में रेखांकित किया गया कि केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए उत्पादों में से अधिकतर का विनिर्माण शुरू में देश में नहीं हो रहा था और महामारी की वजह से वैश्विक मांग के चलते ‘‘विदेशी बाजारों में इनकी उपलब्धता मुश्किल हो गई।’’ 

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मंत्रालय ने कहा कि हालांकि स्वास्थ्य और कपड़ा मंत्रालयों, औषधि क्षेत्र, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन तथा अन्य के संयुक्त प्रयासों से इस अवधि में घरेलू उद्योग को पीपीई किट, एन95 मास्क, वेंटिलेटर जैसे आवश्यक चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाता रहा है। इसने कहा, ‘‘परिणाम के साथ, ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के लिए संकल्प मजबूत हो रहा है तथा भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रहीं अधिकतर वस्तुओं का विनिर्माण घरेलू स्तर पर ही हो रहा है।

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