यासीन मलिक की सजा पर पाकिस्तान को लगी मिर्ची, PM शहबाज शरीफ ने बताया काला दिन
भले ही यासीन मलिक के खिलाफ भारतीय संविधान के तहत से सुनवाई की गई है। लेकिन इससे पाकिस्तान को बहुत मिर्ची लग रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यासीन मलिक की सजा को लेकर एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट के जरिए वह यासीन मलिक के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
टेरर फंडिंग के मामले में दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने आज कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही यासीन मलिक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अलग-अलग जुर्माना भी लगाया गया है। भले ही यासीन मलिक के खिलाफ भारतीय संविधान के तहत से सुनवाई की गई है। लेकिन इससे पाकिस्तान को बहुत मिर्ची लग रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यासीन मलिक की सजा को लेकर एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट के जरिए वह यासीन मलिक के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
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अपने ट्वीट में शहबाज शरीफ ने लिखा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र और उसकी न्याय प्रणाली के लिए एक काला दिन है। उन्होंने कहा कि भारत यासीन मलिक को शारीरिक रूप से कैद कर सकता है लेकिन वह कभी भी उस स्वतंत्रता के विचार को कैद नहीं कर सकता जिसका वह प्रतीक है। बहादुर स्वतंत्रता सेनानी के लिए आजीवन कारावास कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को नई गति प्रदान करेगा। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैश्लेट को पत्र लिखकर भारत से यह अपील करने का अनुरोध किया है कि वह कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को सभी आरोपों से बरी करे और जेल से उसकी तत्काल रिहाई सुनिश्चित करे ताकि वह अपने परिवार से मिल सके।
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आपको बता दें कि भारत की एक अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था। मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता। इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं।
Today is a black day for Indian democracy & its justice system. India can imprison Yasin Malik physically but it can never imprison idea of freedom he symbolises. Life imprisonment for valiant freedom fighter will provide fresh impetus to Kashmiris' right to self-determination.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) May 25, 2022
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