Kashmir G20 Meeting से दूर रहेंगे Pakistan के खास मित्र देश, बैठक के बाद पड़ोसी देश को सबक सिखायेगा भारत!

Kashmir G20 Meeting
ANI

जहां तक चीन का सवाल है तो आपको बता दें कि उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर कहा, ‘‘चीन विवादित क्षेत्र में किसी भी तरह की जी-20 बैठक आयोजित करने का दृढ़ता से विरोध करता है।''

कश्मीर में जी-20 की बैठक की तैयारियां एक ओर अंतिम चरण में हैं तो दूसरी ओर पाकिस्तान के मित्र देश चीन ने अपना असली रूप दिखाते हुए कहा है कि वह कश्मीर में आयोजित हो रही जी-20 की बैठक में हिस्सा नहीं लेगा। हम आपको बता दें कि चीन ने इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में भी जी-20 समूह की एक बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। इस प्रकार की भी रिपोर्टें हैं कि Organisation of Islamic Cooperation यानि ओआईसी सदस्य देश तुर्की, सऊदी अरब और मिस्र ने भी अभी तक बैठक में अपनी भागीदारी की पुष्टि नहीं की है। माना जा रहा है कि यह तीनों इस्लामिक देश बैठक से दूर रह सकते हैं। इस तरह देखा जाये तो पाकिस्तान भले जी-20 की बैठक को बाधित नहीं कर पाया लेकिन उसने इस्लामिक देशों और अपने मित्र देश चीन को कश्मीर में होने वाली बैठक में नहीं जाने के लिए मना लिया है। यह भी कहा जा रहा है कि भारत का पूरा ध्यान अभी जी-20 बैठक को बिना किसी व्यवधान के संपन्न कराने पर है। सूत्रों का कहना है कि जिस तरह पाकिस्तान की नापाक हरकतों का तगड़ा जवाब दिया जाता है उसी तरह जी-20 बैठक के विरोध में पाकिस्तान जो अभियान चला रहा है उसका भी माकूल जवाब सही समय पर दिया जायेगा।

चीन की प्रतिक्रिया

जहां तक चीन का सवाल है तो आपको बता दें कि उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल पर कहा, ‘‘चीन विवादित क्षेत्र में किसी भी तरह की जी-20 बैठक आयोजित करने का दृढ़ता से विरोध करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी बैठकों में शामिल नहीं होंगे।’’ हम आपको बता दें कि पाकिस्तान और चीन ने पूर्व में भी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में अवांछित टिप्पणियां की हैं लेकिन भारत हमेशा ऐसे बयानों को खारिज भी कर चुका है और तगड़ा पलटवार भी कर चुका है। जहां तक भारत-चीन के संबंधों की बात है तो दोनों देशों के बीच तीन साल से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध है। भारत ने कहा है कि जब तक सीमा क्षेत्र में शांति नहीं होगी तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

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श्रीनगर में तैयारियां

दूसरी ओर जी-20 बैठक की बात करें तो आपको बता दें कि श्रीनगर में हो रही यह बैठक जम्मू-कश्मीर के लिए अपनी वास्तविक क्षमता दिखाने का एक बड़ा अवसर है। श्रीनगर में इस तरह के अंतरराष्ट्रीय आयोजन से देश और दुनिया भर में सकारात्मक संदेश भी जाएगा। इसलिए यहां के होटल व्यवसायी, शिक्षाविद्, राजनीतिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इस बैठक के बाद वह देश कश्मीर के बारे में अपने यात्रा परामर्श को वापस लेंगे जिससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवक बढ़ेगी तो कश्मीर पर्यटन को लाभ होगा। प्रभासाक्षी संवाददाता से बातचीत में जी-20 बैठक की तैयारियों से जुड़े अधिकारियों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने अपनी राय रखते हुए इस बैठक के आयोजन को कश्मीर के लिए एक बड़ा उपहार करार दिया।

जी-20 बैठक के लिए सुरक्षा बेहद कड़ी

हम आपको यह भी बता दें कि श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र (एसकेआईसीसी) में अगले सप्ताह प्रस्तावित जी-20 कार्यसमूह की बैठक से पहले सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यह हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो सके इसके लिए पुलिस, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और अन्य अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ-साथ एनएसजी और मरीन कमांडो भी तैनात किए गए हैं। मरीन कमांडो ने डल झील के पास स्थित बैठक स्थल वाले इलाके की सुरक्षा का जायजा भी लिया। इन कमांडो ने कई हाउसबोट की जांच की और शिकारे में डल झील के चक्कर लगाए। वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) के कमांडो ने श्रीनगर के लाल चौक इलाके में सुरक्षा अभ्यास किया। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर लाल चौक इलाके के होटलों की जांच की और वहां सुरक्षा सहित अन्य चीजों की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि पूरी कश्मीर घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

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