गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा देगा पाक, भारत की दो टूक- POK में बदलाव मंजूर नहीं

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार का “अवैध और जबरन” कब्जाए गए इन क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है और इस नए कदम से पाकिस्तान के कब्जे वाले इन क्षेत्रों में मानवाधिकार के घोर उल्लंघन को छिपाया नहीं जा सकेगा।
खान के इस बयान पर मीडिया ने जब सवाल किया तब श्रीवास्तव की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई। प्रवक्ता ने कहा, “ 1947 में जम्मू कश्मीर के भारत संघ में वैध, पूर्ण और अटल विलय की वजह से तथाकथित ‘गिलगित बाल्टिस्तान’ समेत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार का “अवैध और जबरन” कब्जाए गए इन क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है और इस नए कदम से पाकिस्तान के कब्जे वाले इन क्षेत्रों में मानवाधिकार के घोर उल्लंघन को छिपाया नहीं जा सकेगा।Please see our statement on Pakistan Government’s decision to accord “provisional provincial status” to the so-called “Gilgit-Baltistan” : pic.twitter.com/8XzPT0aSFH
— Anurag Srivastava (@MEAIndia) November 1, 2020
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श्रीवास्तव ने कहा, “अवैध कब्जे को छिपाने के लिये पाकिस्तान की तरफ से किये जा रहे ऐसे प्रयास पाकिस्तान के कब्जे वाले इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों के साथ सात दशकों से हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और आजादी से उन्हें वंचित रखे जाने को छिपा नहीं पाएंगे।” उन्होंने कहा, “इन भारतीय क्षेत्रों का दर्जा बदलने के प्रयास के बजाए हम पाकिस्तान से तत्काल अवैध कब्जे को छोड़ने की मांग करते हैं।” पाकिस्तान ने इस महीने के अंत में गिलगिल बाल्टिस्तान में विधानसभा के लिये चुनाव कराने की घोषणा की है।
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