हंगामों के बीच बजट सत्र में हुआ खासा काम, लोकसभा अध्यक्ष ने भी जताया था संतोष

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इस सत्र की शुरुआत उस वक्त हुई जब 31 जनवरी के दिन दोनों सदनों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से शुरू होकर अपने तय समय 11 फरवरी तक चला। इस दौरान एक फरवरी को आम बजट पेश किया गया था।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से उपजे संकट को देखते हुए संसद का बजट सत्र अपने निर्धारित समय से पहले 23 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। बता दें कि अनिश्चितकाल के लिए संसद का सत्र स्थगित होने से पहले वित्त विधेयक को बिना चर्चा के पारित कराकर बजट प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया। संसद के बजट सत्र को दो चरणों में विभाजित किया गया था। जिसके मुताबिक पहले चरण में बजट को पेश किया गया और दूसरे चरण में बजट के साथ-साथ कई सारे बिल भी पारित कराए गए।

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बजट सत्र का पहला चरण

इस सत्र की शुरुआत उस वक्त हुई जब 31 जनवरी के दिन दोनों सदनों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से शुरू होकर अपने तय समय 11 फरवरी तक चला। इस दौरान एक फरवरी को आम बजट पेश किया गया था। साथ ही साथ दोनों सदनों में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कर इसे पारित किया गया।

बजट सत्र का दूसरा चरण 

बजट सत्र का दूसरा चरण अपने तय समय 2 मार्च से शुरू हुआ था। हालांकि देश में कोरोना वायरस नामक महामारी तेजी से फैलने की वजह से तय समय से पहले ही संसद सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। 

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लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में हुए कामकाज पर जताया संतोष

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने पारम्परिक संबोधन के दौरान सदन में हुए कामकाज पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि इस दौरान 23 बैठकों में 109 घंटे 23 मिनट तक कामकाज हुआ। ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय, विधायी और अन्य कार्यों को भी निपटाया गया। उन्होंने बताया कि केन्‍द्रीय बजट 2020-21 पर चर्चा 11 घंटे 51 मिनट तक चली, वहीं रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन वर्ष 2020-21 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा 12 घंटे 31 मिनट, सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के नियंत्रणाधीन वर्ष 2020-21 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा 5 घंटे 21 मिनट तक तथा पर्यटन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा 4 घंटे और 1 मिनट तक चली। 

लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2020-21 के लिए केन्‍द्रीय बजट के संबंध में शेष मंत्रालयों की अन्‍य सभी बकाया अनुदानों की मांगों को सभा में मतदान के लिए रखा गया और 16 मार्च, 2020 को पूरी तरह से स्‍वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक पारित किया गया। लोकसभा में वर्तमान सत्र के दौरान, 16 सरकारी विधेयक पेश हुए। कुल मिलाकर, 13 विधेयक पारित हुए। 

राज्यसभा सभापति ने कोरोना को बताया विश्व की सबसे बड़ी चुनौती

कोरोना वायरस के संकट के कारण सदन की बैठक पहले स्थगित करने की बाध्यता का जिक्र करते हुये राज्यसभा में सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि विश्व के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि किस प्रकार कोरोना वायरस के कारण विश्व भर के नागरिकों के स्वास्थ्य और संपदा की हानि को यथासंभव सीमित रखा जाए। 

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नायडू ने दो चरण में पूरे हुए बजट सत्र के दौरान उच्च सदन में हुए कामकाज का ब्योरा देते हुए बताया था कि 31 जनवरी से 11 फरवरी तक हुए बजट-सत्र के पहले भाग में सदन की उत्पादकता 97 प्रतिशत रही, जबकि 2 मार्च से प्रारंभ हुए, बजट-सत्र के दूसरे भाग में 63.30 प्रतिशत कामकाज हुआ। इस सत्र के दौरान उच्च सदन में हुए काम की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया  था कि इस दौरान लोक महत्व के 249 मुद्दे उठाए गए और 112 विधेयक पारित हुए। इनमें छह विधेयक सत्र के अंतिम दिन पारित हुए थे। नायडू ने बताया था कि इस सत्र के दूसरे चरण में सदन का 22 प्रतिशत समय विधायी कार्य में लगा। शेष समय विभिन्न मुद्दों पर हंगामे की भेंट चढ़ गया। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही बाधित करने का सदस्यों को अधिकार नहीं है।

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम 2019, भारतीय औषधि प्रणाली राष्ट्रीय आयोग अधिनियम 2019 और राष्ट्रीय होम्योपेथी आयोग अधिनियम 2019 भी सदन में लगभग सात घंटे की चर्चा के बाद पारित किए गए। 

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बता दें कि संसद का बजट सत्र का नागरिकता संशोधन विधेयक, दिल्ली हिंसा और लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के 7 सांसदों को निलंबित करने की वजह से हंगामे की भेंट चढ़ गया था। हालांकि बाद में कांग्रेस सांसदों का निलंबन समाप्त कर दिया गया था। वहीं दिल्ली हिंसा को लेकर चल रही सियासी उठापटक के बीच संसद के दोनों सदनों में चर्चा हुई और गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार का पक्ष रखा और विपक्षियों को संतोषजनक जवाब भी दिए। वहीं राज्यसभा के नए मनोनीत सदस्य के रूप में देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने 19 मार्च को विपक्षियों के भारी हंगामे के बीचशपथ ग्रहण की।

55 सदस्य हुए सेवानिवृत्त

इस सत्र में राज्यसभा ने अपने 55 सदस्यों को विदाई दी जिनमें कांग्रेस के मोतीलाल वोरा, बीके हरिप्रसाद, कुमारी शैलजा, एम वी राजीव गौड़ा, भाजपा के सीपी ठाकुर, विजय गोयल, सत्यनारायण जटिया, प्रभात झा, जदयू की कहकशां परवीन आदि शामिल हैं। हालांकि इन 55 सदस्यों में से चार का इस्तीफा हुआ था और वे चुनकर आ चुके हैं। जबकि कुछ सदस्य एक बार फिर चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन कोरोना वायरस को बढ़ते प्रकोप को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने फिलहाल राज्यसभा चुनाव को स्थगित कर दिया है।

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