Mehbooba Mufti का Pakistan प्रेम फिर जागा, दोनों देशों के बीच व्यापार और Bus Service शुरू करने की माँग
हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले में उरी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मुजफ्फराबाद के बीच नियंत्रण रेखा पार बस सेवा 2005 में शुरू की गई थी और इसके बाद 2008 में उरी और पुंछ के माध्यम से नियंत्रण रेखा पार व्यापार खोला गया।
ऐसे में जबकि पाकिस्तान लगातार सीमापार से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है तो उसे सबक सिखाने की मांग करने की बजाय पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मांग की है कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार व्यापार और दोनों ओर के कश्मीर के बीच बस सेवा फिर से शुरू की जाये। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि यह लोगों के लिए विश्वास बहाली के एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में काम करेगा और क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में एक कदम होगा। महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर कहा है कि नियंत्रण रेखा के पार व्यापार और यात्रा भारत तथा पाकिस्तान के बीच अब तक का सबसे बड़ा विश्वास-निर्माण उपाय (सीबीएम) रहा है और इसने जम्मू-कश्मीर और (भारतीय) उपमहाद्वीप में शांति स्थापना के नये रास्ते खोले हैं, जिनमें आगे बढ़ने पर क्षेत्र में स्थायी शांति लाने की क्षमता है।
हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले में उरी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मुजफ्फराबाद के बीच नियंत्रण रेखा पार बस सेवा 2005 में शुरू की गई थी और इसके बाद 2008 में उरी और पुंछ के माध्यम से नियंत्रण रेखा पार व्यापार खोला गया। हालांकि, केंद्र ने 2019 में बस सेवा और व्यापार को रोक दिया था और आरोप लगाया था कि कुछ राष्ट्र-विरोधी तत्व व्यापार की आड़ में इस मार्ग का इस्तेमाल हवाला धन, मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी के लिए कर रहे हैं।
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पीडीपी अध्यक्ष मुफ्ती ने इस मुद्दे पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नियंत्रण रेखा के पार व्यापार से जुड़े व्यापारी संकट में हैं और उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मुफ्ती ने कहा, "नियंत्रण रेखा के पार के व्यापारी मुझसे मिलने आए थे, वे व्यापार मार्ग बंद होने के कारण संकट में हैं। मार्ग बंद होने के बाद से वे लोग अब बेरोजगार हैं।" मुफ्ती ने आरोप लगाया कि आयकर विभाग व्यापारियों को "परेशान" कर रहा है और उन लेन-देन के लिए कर भुगतान की मांग करने वाले नोटिस भेज रहा है जो गैर-मौद्रिक थे और उस समय कोई कराधान शामिल नहीं था।
उन्होंने कहा, "यह व्यापार वस्तु विनिमय प्रणाली पर आधारित था और उस समय कर के लिए कोई गुंजाइश नहीं थी। लेकिन, पिछले कुछ समय से उन्हें आयकर विभाग द्वारा परेशान किया जा रहा है। उन्हें आयकर छापे, जीएसटी की मांग करने वाले नोटिस और उन सभी वर्षों के दौरान पूरे व्यापार के लिए कर की मांग का सामना करना पड़ रहा है। वे कर कहां से लाएंगे?" मुफ्ती ने केंद्रीय गृहमंत्री से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और व्यापार बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की।
उन्होंने कहा, "मुझे आशंका है कि आयकर विभाग उनकी संपत्ति जब्त कर सकता है, जो स्वीकार्य नहीं होगा। अगर गृहमंत्री हस्तक्षेप नहीं करते हैं, तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे।" उन्होंने व्यापार और बस सेवा को फिर से शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा, "व्यापार और बस सेवा को फिर से शुरू किया जाना चाहिए। व्यापारियों को बैंकिंग सेवा, संचार और अन्य चीजें प्रदान की जानी चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। अगर आप बॉडी स्कैनर लगाते हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि ट्रकों में क्या है, जिससे इस बारे में किसी भी तरह की आशंका खत्म हो जाएगी।" पीडीपी प्रमुख ने कहा कि दो कश्मीरों को एक साथ लाने और जम्मू-कश्मीर में मुद्दों को हल करने का इससे बेहतर कोई तरीका नहीं है।
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