लोगों की रुचि कोविड की बात में है, न कि मन की बात में : ममता बनर्जी

अगर एक हजार लोगों की भीड़ में एक संक्रमित है तो वह सभी को संक्रमित कर सकता है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के दो लाख जवान उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से आए और वे अनजाने में वायरस के वाहक हो सकते हैं क्योंकि निर्वाचन आयोग द्वारा उनकी आरटी-पीसीआर जांच नहीं कराई गई।
बहरमपुर (प.बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि लोगों की रुचि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में नहीं है, बल्कि इसकी जगह वे ‘कोविड की बात’ सुनना चाहते हैं क्योंकि महामारी में ऑक्सीजन और टीके की कमी की वजह से जीवन मुश्किल हो गया है। इससे पहले मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि कोविड-19 की लहर ने देश को हिला दिया है और लोगों को टीकाकरण कराना चाहिए।
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मुर्शिदाबाद जिले के सभागार में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान बनर्जी ने कहा कि मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ‘‘उस समय बंगाल पर कब्जा करने की योजना बनाने में व्यस्त थे जब कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए थे।’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘किसकी ‘मन की बात’ में रुचि है, अब लोग ‘कोविड की बात’ सुनना चाहते हैं। अगर एक हजार लोगों की भीड़ में एक संक्रमित है तो वह सभी को संक्रमित कर सकता है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के दो लाख जवान उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से आए और वे अनजाने में वायरस के वाहक हो सकते हैं क्योंकि निर्वाचन आयोग द्वारा उनकी आरटी-पीसीआर जांच नहीं कराई गई।
