पीयूष गोयल दूसरे कार्यकाल में सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर दे सकते हैं ध्यान
पीयूष गोयल के पिछले कार्यकाल में रेलवे में सबसे कम दुर्घटनाएं हुई थी और वह हमेशा इस बात को दोहराते रहे हैं कि ‘शून्य दुर्घटना मानक’ के लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं।
नयी दिल्ली। पीयूष गोयल को एक बार फिर रेल मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। अपने दूसरे कार्यकाल में उनके सुरक्षा, किराए में वृद्धि किए बिना राजस्व जुटाने, पटरियों के पुनर्निर्माण, आधुनिकीकरण और अत्याधुनिक डिब्बों के उत्पादन में वृद्धि करने की दिशा में कदम उठा सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गोयल के पिछले कार्यकाल में रेलवे में सबसे कम दुर्घटनाएं हुई थी और वह हमेशा इस बात को दोहराते रहे हैं कि ‘शून्य दुर्घटना मानक’ के लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं।
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उनकी सबसे बड़ी चुनौती पटरियों की समय पर देखरेख और उनका पुनर्निर्माण करना होगा। उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होगा कि रेलवे कारखानों में ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ जैसी ट्रेनों के अत्याधुनिक डिब्बों का निर्माण बढ़े ताकि उनकी सेवाएं बढ़ाई जा सकें। अपने 20 विश्वसनीय सलाहकारों के साथ मिलकर काम करने के लिए पहचाने जाने वाले गोयल ‘स्प्रेडशीट’ के माध्यम से हर परिचालन विवरण और आमतौर पर तथ्यों एवं आंकड़ों पर नजर रखते हैं। गोयल ट्विटर पर भी काफी सक्रिय रहे हैं और अधिकतर यात्रियों के तमाम प्रश्नों के उत्तर भी देते रहे हैं।
कल माननीय प्रधानमंत्री @NarendraModi जी के नेतृत्व में देश के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 31, 2019
मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि दी गयी जिम्मेदारियों का पूरी ईमानदारी, निष्ठा और सामर्थ्य के अनुसार निर्वाहन करूं, और देश को विश्वगुरु बनाने के इस यज्ञ में अपना योगदान दे सकूं। pic.twitter.com/8YsKATQYXB
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