पीएम मोदी ने आचार्य विनोबा भावे से की वेंकैया नायडू की तुलना, 3 पन्ने का पत्र लिखकर कहीं ये बात

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प्रधानमंत्री मोदी ने वेंकैया नायडू की तुलना विनोबा भावे से की।प्रधानमंत्री ने नायडू की तुलना विनोबा भावे से करते हुए कहा, ‘‘वह (विनोबा) जानते थे कि यथोचित शब्दों का इस्तेमाल करते हुए किसी चीज को सटीक तरीके से कैसे कहा जाता है। जब मैं आपको सुनता हूं तो उसी विद्वत्ता को देखता हूं।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की विचाराधारा को लेकर प्रतिबद्धता और उनकी वाकपटुता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी ऊर्जा प्रभावित करने वाली है। प्रधानमंत्री ने नायडू की तुलना विनोबा भावे से करते हुए कहा, ‘‘वह (विनोबा) जानते थे कि यथोचित शब्दों का इस्तेमाल करते हुए किसी चीज को सटीक तरीके से कैसे कहा जाता है। जब मैं आपको सुनता हूं तो उसी विद्वत्ता को देखता हूं। आपके अंदर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने और चीजों को साधारण तरीके से कहने की क्षमता है।’’

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नायडू को लिखे तीन पन्नों के विदाई पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपकी ऊर्जा असरकारी है। आपके चातुर्य और विवेक में इसे देखा जा सकता है। आपकी एक पंक्ति वाली चुटीली टिप्पणियों की हर जगह प्रशंसा होती है। आपकी सबसे बड़ी शक्तियों में वाकपटुता हमेशा से शामिल रही है।’’ नायडू की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए मोदी ने लिखा कि नेल्लोर की छोटी गलियों से उप राष्ट्रपति बनने तक आपकी यात्रा उत्कृष्ट और प्रेरणादायी रही है। मोदी ने कहा, ‘‘जब भी कोई चुनौती या आघात आया तो उसने आपके काम करने के संकल्प को और अधिक साहस के साथ मजबूत ही किया।’’ राज्यसभा के सभापति के रूप में नायडू के कामकाज को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हमेशा संसदीय अनुशासन और परंपराओं के हिमायती रहे हैं।

नायडू को वेंकैया ‘गारू’ संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘‘जब भी संसद में अप्रिय स्थिति बनी या संसद की गरिमा किसी भी तरह गिरी तो मैंने आपकी व्यक्तिगत अप्रसन्नता और असहजता को महसूस किया। आपने जब भी इस बारे में बात की, तो आपकी आवाज में गहरा दर्द था, हमारे देश के दीर्घकालिक भविष्य और लोकतंत्र की जीवंतता के लिए आपकी चिंता जाहिर होती थी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सभापति के रूप में नायडू ने उत्कृष्ट तरीके से सदन का संचालन किया। उन्होंने लिखा, ‘‘सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं के साथ आपके मधुर संबंध सदन में सौहार्द की भावना को मजबूत करते थे। पहली बार के सदस्यों, महिलाओं और युवा सांसदों को सदन में अपनी बात रखने के अधिक अवसर मिलते देखना सुखद था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपके प्रयासों की सफलता सभापति के रूप में आपके कार्यकाल के दौरान राज्यसभा की उत्पादकता में रिकॉर्ड वृद्धि के रूप में झलकती है।’’ मोदी ने लिखा, ‘‘गुजरे पांच साल में अनेक ऐतिहासिक विधेयक पारित हुए और जब आप पीछे मुड़कर देखेंगे तो आपको निश्चित रूप से संतोष होगा। मुझे विश्वास है कि अनुच्छेद 370 और 35ए ने आपको बहुत गौरव की अनुभूति कराई होगी जिन्हें पहले राज्यसभा में पेश किया गया था।’’

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मोदी ने नायडू के उपराष्ट्रपति पद के कार्यकाल को याद करते हुए लिखा, उपराष्ट्रपति के रूप में शासन के मुद्दों की आपकी उद्देश्यपूर्ण समझ आपके व्यापक अनुभव और विधायी ज्ञान के साथ मिलकर अत्यंत समृद्ध थी। आपने प्रत्येक विषयको राष्ट्र प्रथम के नजरिए से देखा और फिर अपने विचार रखे। भारतीय जनता पार्टी के संगठन में नायडू के कार्यकाल को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भी यादगार है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि आपने सांगठनिक मामलों में जो रुचि ली उससे हर कार्यकर्ता को ऊर्जा मिली। आपने पार्टी के अधिक कार्यालय खोलकर पार्टी में व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया और सुनिश्चित किया कि वे लोक सेवा का केंद्र बने रहें।’’ मोदी ने कहा कि उन्हें पिछले कई दशकों से व्यक्तिगत रूप से कई मामलों में नायडू की सलाह का लाभ मिला है। मोदी के पत्र का जवाब देते हुए वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को रक्षा बंधन की हार्दिक बधाई देता हूं। सार्वजनिक जीवन में पांच दशकों की मेरी यात्रा के विभिन्न पहलुओं को छूने वाले उनके पत्र के लिए उनका आभारी हूं। इस यात्रा के दौरान श्री मोदी का समर्थन मेरे लिए बहुत बड़ी ताकत एवं संपत्ति रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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