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प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति और मारिशस के प्रधानमंत्री से कोरोना पर चर्चा की
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मई 23, 2020 16:22
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मोदी ने कहा कि हमने भारत के सहयोग से श्रीलंका में विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने और मजबूत निवेश संबंधों पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने आज मारिशस के प्रधानमंत्री पी. के. जगन्नाथ से भी बातचीत की।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और मारिशस के प्रधानमंत्री पी. के. जगन्नाथ से बातचीत की और कोविड-19 महामारी और इसके आर्थिक प्रभावों से निपटने में हर संभव समर्थन देने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से अच्छी बात हुई। श्रीलंका कोविड-19 से उनके नेतृत्व में प्रभावी ढंग से लड़ाई लड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि भारत अपने करीबी नौवहन क्षेत्र में अपने पड़ोसी देश को इस महामारी और इसके आर्थिक प्रभावों से निपटने में समर्थन जारी रखेगा।
मोदी ने कहा कि हमने भारत के सहयोग से श्रीलंका में विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने और मजबूत निवेश संबंधों पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने आज मारिशस के प्रधानमंत्री पी. के. जगन्नाथ से भी बातचीत की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ गर्मजोशी भरी बातचीत के लिये धन्यवाद प्रधानमंत्री पी. के. जगन्नाथ। मारिशस में कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिये बधाई।’’ उन्होंने कहा कि हमारे देशों के लोगों के बीच गर्मजोशी भरा और विशेष संबंध है जो साझी संस्कृति और मूल्यों पर आधारित है। भारत इस कठिन समय में मारिशस के अपने भाइयों और बहनों के साथ खड़ा रहेगा।Had an excellent talk with President @GotabayaR. Sri Lanka is fighting COVID-19 effectively under his leadership. India will continue to support our close maritime neighbour in dealing with the pandemic and its economic impact.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 23, 2020
राॅबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है ED, राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका
- अभिनय आकाश
- जनवरी 18, 2021 13:39
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डी ने प्रार्थना पत्र पेश कर आरोपियों से हिरासत में लेकर पूछताछ को आवश्यक बताते हुए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। ईडी की अर्जी पर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ आज इस मामले पर सुनवाई करेगी।
चर्चित कोलायत जमीन घोटाला और धन शोधन मामले में प्रियंका गांधी वाड्रा के पति राॅबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राॅबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है। ईडी ने प्रार्थना पत्र पेश कर आरोपियों से हिरासत में लेकर पूछताछ को आवश्यक बताते हुए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। ईडी की अर्जी पर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ आज इस मामले पर सुनवाई करेगी।
इसे भी पढ़ें: आयकर विभाग की पूछताछ के बाद बोले रॉबर्ट वाड्रा, हर सवाल का जवाब देने को तैयार
क्या है मामला
आरोप है कि राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने कई संदिग्ध नामों से भूमि आवंटित करा ली। साल 2010 में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हाॅस्पिटैविटी प्राइवेच लिमिटेड ने 72 लाख रुपये में 69.55 हेक्टेयर की भूमि खरीद उसे दो साल बाद 5.15 करोड़ रुपये में दूसरी कंपनी एलीगेनी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी। ईडी मे मामले में सूचना रिपोर्ट दाखिल कर राॅबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए बुलाया था। साल 2018 में कंपनी ने हाईकोर्ट का रुख कर लिया था।
किसान आंदोलन पर बोले कैलाश चौधरी, यूनियन से कम्युनिस्ट निकल जाएं तो समाधान हो जाएगा
- अंकित सिंह
- जनवरी 18, 2021 13:13
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कैलाश चौधरी ने यह भी कहा कि शुरू में जब पहली बैठक हुई थी, तब उनके जो मुद्दे थे उन पर सरकार ने अमल करके उसमें संशोधन कर लिया है। उसके लिए लिखित में आश्वासन देने की बात भी हो चुकी है। कल इस मानसिकता के साथ बैठें कि कोई न कोई समाधान निकालना है।
सरकार और किसानों के बीच में कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध जारी है। अब तक लगभग 9 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकल पाया है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इस सब के बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान यूनियन के कुछ नेता चाहते हैं कि इसका समाधान हो। अगर यूनियन से कम्युनिस्ट निकल जाएं तो कल इसका समाधान हो जाएगा। कम्युनिस्ट, कांग्रेस और कुछ राजनीतिक दल कभी नहीं चाहते कि इसका समाधान हो।
इसके आगे कैलाश चौधरी ने यह भी कहा कि शुरू में जब पहली बैठक हुई थी, तब उनके जो मुद्दे थे उन पर सरकार ने अमल करके उसमें संशोधन कर लिया है। उसके लिए लिखित में आश्वासन देने की बात भी हो चुकी है। कल इस मानसिकता के साथ बैठें कि कोई न कोई समाधान निकालना है। आपको बता दें कि सरकार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से तीन कृषि कानून के बारे में अपनी आपत्तियां और सुझाव रखने एवं ठोस प्रस्ताव तैयार करने के लिये एक अनौपचारिक समूह गठित करने को कहा जिस पर 19 जनवरी को अगले दौर की वार्ता में चर्चा हो सकेगी। तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ शुक्रवार को हुई नौवें दौर की वार्ता में प्रदर्शनकारी किसान तीन नये विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार ने किसान नेताओं से उनके रुख में लचीलापन दिखाने की अपील की एवं कानून में जरूरी संशोधन के संबंध अपनी इच्छा जतायी।शुरू में जब पहली बैठक हुई थी, तब उनके जो मुद्दे थे उन पर सरकार ने अमल करके उसमें संशोधन कर लिया है। उसके लिए लिखित में आश्वासन देने की बात भी हो चुकी है। कल इस मानसिकता के साथ बैठें कि कोई न कोई समाधान निकालना है: कैलाश चौधरी #FarmLaws https://t.co/LwqqIZUtDC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 18, 2021
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- अभिनय आकाश
- जनवरी 18, 2021 13:03
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पीएम मोदी के अलावा कई अन्य बड़े देशों के नेताओं के पोस्टर भी इस रैली में थे। प्रदर्शन करने वाले लोग अलग सिंधुदेश और पीएम मोदी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी पीएम मोदी से सिंध को अलग गेश बनाने के लिए समर्थन भी मांग रहे थे।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के तारे गर्दिश में हैं। पाकिस्तान में इमरान खान पर विपक्ष तो हमलावर था ही जैसा जनता का रुख है उसने भी इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा दी है। रविवार को सिंध के सान कस्बे में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया। रैली में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बैनर और पोस्टर भी देखने को मिले। पीएम मोदी के अलावा कई अन्य बड़े देशों के नेताओं के पोस्टर भी इस रैली में थे। प्रदर्शन करने वाले लोग अलग सिंधुदेश और पीएम मोदी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी पीएम मोदी से सिंध को अलग गेश बनाने के लिए समर्थन भी मांग रहे थे।
इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके को दी आपात इस्तेमाल की मंजूरी
गौरतलब है कि 1947 के भारत-पाक बंटवारे से लेकर अब तक पाकिस्तान के दोयम दर्जे की नीतियों और सेना की जूतों के तले रखने की आदतों का शिकार होना पड़ता है। जिस तरह बलूचिस्तान पश्चूनिस्तान की मांग पंजाबी वर्चस्व वाली पाकिस्तानी सरकार और सेना के लिए गले की हड्डी बनी हुई है, ठीक उसी तरह सिंध प्रांत की मांग भी लंबे अरसे की की जाती रही है। वहां की सड़कों पर रह-रहकर यह नारा जोर मारता है 'कल बना था बांग्लादेश, अब बनेगा सिंधुदेश'।
#WATCH: Placards of PM Narendra Modi & other world leaders raised at pro-freedom rally in Sann town of Sindh in Pakistan, on 17th Jan.
— ANI (@ANI) January 18, 2021
Participants of the rally raised pro-freedom slogans and placards, seeking the intervention of world leaders in people's demand for Sindhudesh. pic.twitter.com/FJIz3PmRVD

