किसानों के मुद्दे पर PM मोदी को घमंडी बताने वाले सत्यपाल मलिक के बदले सुर, बोले- सही रास्ते पर हैं वो

Satya Pal Malik
प्रतिरूप फोटो

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि अमित शाह और प्रधानमंत्री के रिश्ते बहुत अच्छे हैं, शाह ने प्रधानमंत्री पर कोई टिप्पणी नहीं की। सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने मुझे लोगों से मिलते रहने और उन्हें सरकार के प्रयासों को समझाने की कोशिश करने के लिए कहा।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सुर अब बदले-बदले नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी को घमंडी कहने वाले सत्यपाल मलिक ने अब उनकी सराहना की और कहा कि वो सही रास्ते पर हैं। सत्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हवाले से उनकी टिप्पणी का गलत मतलब निकाला गया। 

इसे भी पढ़ें: सत्यपाल मलिक पर भड़के उमर अब्दुल्ला, कहा- जिस थाली में खाया, उसी में छेद किया

अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक सत्यपाल मलिक ने कहा कि अमित शाह और प्रधानमंत्री के रिश्ते बहुत अच्छे हैं, शाह ने प्रधानमंत्री पर कोई टिप्पणी नहीं की। सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने मुझे लोगों से मिलते रहने और उन्हें सरकार के प्रयासों को समझाने की कोशिश करने के लिए कहा।

दरअसल, हरियाणा के चरखी दादरी में रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान सत्यपाल मलिक ने कहा था कि कृषि कानूनों को लेकर जब मैं प्रधानमंत्री मोदी जी से मिला तो पांच मिनट के भीतर ही झगड़ा हो गया। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि मेरे लिए मरे हैं। इस पर मैंने कहा कि आपके लिए ही तो मरे थे, क्योंकि आप राजा बने हुए हो, इसी बात पर मेरा उनसे झगड़ा हो गया था। सत्यपाल मलिक ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने मुझे अमित शाह से मिलने के लिए कहा, जिसके बाद मैं अमित शाह से मिला। उन्होंने कहा कि जब एक कुत्ता मर जाता है तो प्रधानमंत्री शोक संदेश भेजते हैं लेकिन किसानों की मौत पर चुप हैं। 

इसे भी पढ़ें: सत्यपाल मलिक ने जो कहा वह सच है, नरेंद्र मोदी अहंकारी और तानाशाह हैं: नाना पटोले 

रिपोर्ट के मुताबिक सत्यपाल मलिक ने सोमवार को इससे इनकार कर दिया और कहा कि अमित शाह ने मुझसे ऐसा कुछ नहीं कहा। उन्होंने मुझे सभी से मिलते रहने को कहा। उन्होंने कहा कि मैंने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किसानों के लिए उठाए गए कदम की सराहना की और प्रशंसा की। जब वे (गुजरात के) मुख्यमंत्री थे, वे किसान समर्थक थे और चाहते थे कि एमएसपी को वैधानिक दर्जा दिया जाए। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें गुमराह किया गया। फिर भी जब उन्होंने महसूस किया कि किसान किसी भी कीमत पर कानूनों का समर्थन नहीं करते हैं, तो उन्होंने इसे वापस लेने और माफी मांगने का फैसला किया। यह उनके बड़े दिल को दर्शाता है। वह अब सही रास्ते पर हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़