Saurashtra-Tamil Sangamam में बोले PM Modi, भारत विविधता को विशेषता के रूप में जीने वाला देश

Modi in saurashtra sangamam
ANI
अंकित सिंह । Apr 26 2023 12:00PM

मोदी ने कहा कि भारत विविधता को विशिष्टता के रूप में जीने वाला देश है। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं और बोलियों को, कलाओं और विषओं का उत्सव मानते हैं। हमारी ये विविधता हमें बांटती नहीं है बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सौराष्ट्र-तमिल संगमम को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं गद-गद हृदय से आज तमिलनाडु से आए अपनों के बीच वर्चुअली उपस्थित हूं। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आप सब अपने पूर्वजों की धरती पर आए हैं, अपने घर आए हैं... आपके चेहरों की ख़ुशी देख मैं कह सकता हूं कि आप ढेरों यादें और भावुक अनुभव यहां से लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा इस महान सौराष्ट्र-तमिल संगमम के माध्यम से, हम अतीत की अमूल्य स्मृतियों को फिर से देख रहे हैं, वर्तमान की आत्मीयता और अनुभवों को देख रहे हैं, और भविष्य के लिए संकल्प और प्रेरणा ले रहे हैं! उन्होंने रहा कि अपनी विरासत पर गर्व तब और बढ़ेगा जब हम उसे जानेंगे, गुलामी की मानसिकता से मुक्त होकर अपने आपको जानने की कोशिश करेंगे

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मोदी ने कहा कि भारत विविधता को विशिष्टता के रूप में जीने वाला देश है। उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं और बोलियों को, कलाओं और विषओं का उत्सव मानते हैं। हमारी ये विविधता हमें बांटती नहीं है बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनती है। मोदी ने कहा कि हम जानते हैं कि अलग-अलग धाराएं जब साथ आती हैं तो संगम का सृजन होता है। हम इन परंपराओं को सदियों से पोषित करते आए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आजादी के अमृतकाल में हम सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे सांस्कृतिक आयोजनों की एक नई परंपरा के गवाह बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये संगम नर्मदा और वैगई का संगम है। ये संगम डांडिया और कोलाट्टम का संगम है।

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नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमारे पास 2047 के भारत का लक्ष्य है। हमें देश को आगे लेकर जाना है लेकिन रास्ते में तोड़ने वाली ताकतें और भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि भारत कठिन से कठिन हालातों में भी कुछ नया करने की ताकत रखता है। सौराष्ट्र और तमिलनाडु का साझा इतिहास हमें यह भरोसा देता है। उन्होंने कहा कि हम सदियों से 'संगम' की परंपरा का पोषण करते आ रहे हैं। जैसे नदियों के मिलने से संगम का निर्माण होता है, वैसे ही हमारे कुम्भ हमारी विविधताओं के विचारों और संस्कृतियों के संगम रहे हैं। ऐसी हर चीज ने हमें, हमारे देश को आकार देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसी है संगम की शक्ति! मोदी ने साफ तौर पर कहा कि हमें सांस्कृतिक टकराव नहीं तालमेल पर बल देना है। हमें संघर्षों को नहीं संगमों और समागमों को आगे बढ़ाना है।  हमें भेद नहीं खोजने... भावनात्मक संबंध बनाने हैं। यही भारत की वो अमर परंपरा है जो सबको साथ लेकर समावेश के साथ आगे बढ़ती है, सबको स्वीकार कर आगे बढ़ती है।

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